जयपुर. एडवोकेट प्रोटेक्शन विधेयक के विधानसभा में पेश होने के बाद से वकील इसमें संशोधन की मांग करने लगे हैं. वकीलों का मानना है कि विधेयक की धारा 3 में वकील के खिलाफ अदालत परिसर में अपराध होने पर ही प्रस्तावित अधिनियम लागू होंगे. जबकि वकीलों के खिलाफ कहीं पर भी अपराध घटित हो सकता है. इसलिए इस धारा में संशोधन कर इसमें से अदालत परिसर शब्द को डिलीट किया जाए.
सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेंद्र जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने वकीलों के पक्ष में प्रोटेक्शन बिल विधानसभा में पेश करके वकीलों के हित का कार्य किया है, लेकिन इस प्रावधान को सिर्फ अदालत परिसर में ही लागू करने के कारण अधिनियम का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है. ऐसे में विधेयक से अदालत परिसर शब्द को संशोधित किया जाए. वहीं राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव और प्रोटेक्शन कानून की मांग के मुद्दे पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि वकीलों ने प्रोटेक्शन कानून को लागू कराने के लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी हैं. इसके लिए एडवोकेट गत 20 फरवरी से न्यायिक बहिष्कार कर रहे हैं.