जयपुर. सोमवार को जब पूरी दुनिया बालश्रम निषेध दिवस मना रही थी. उसी वक्त जयपुर के एक हिस्से में पुलिस कार्रवाई के दौरान सामने आई सच्चाई ने मानवता को झकझोर कर रख दिया. बड़े पैमाने पर बाल मजदूरों के साथ प्रताड़ना के साथ काम करवाए जाने की बात सामने आई. खास बात यह थी कि जिन कमरों में रोशनी और हवा का पहुंचना मुश्किल था. उस घुटन में यह बच्चे 14 से 16 घंटे तक लगातार काम कर रहे थे.
बच्चों की दयनीय हालत देखकर एक बार तो कार्रवाई करने पहुंची खाकी का भी दिल पसीज गया. हालांकि, मौके से गुनहगार भाग छूटा लेकिन 22 बच्चों को यातनायुक्त इस काम से जयपुर पुलिस ने मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. दरअसल, बालश्रम निषेध दिवस के मौके पर सोमवार रात को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था. इस कार्रवाई में जयपुर (उत्तर) की मानव तस्करी विरोधी यूनिट और भट्टा बस्ती थाना पुलिस के साथ ही कई संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
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जयपुर (उत्तर) डीसीपी राशि डोगरा डूडी ने आज मंगलवार को बताया कि बालश्रम में नियोजित बच्चों को मुक्त करवाने के लिए एडीजी (सिविल राइट्स और एएचटी) द्वारा उमंग-2 मुहिम चलाई जा रही है. इसके तहत बालश्रम, बंधुआ मजदूरी और मानव दुर्व्यापार के उन्मूलन और पुनर्वास के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं. भट्टा बस्ती इलाके में एक मकान में बड़ी संख्या में बाल मजदूरों से लाख की चूडियां बनवाने की जानकारी मिलने पर भट्टा बस्ती थानाधिकारी विनोद कुमार के नेतृत्व में एसआई भंवर सिंह, हेड कांस्टेबल मूलचंद, कांस्टेबल रमेश कुमार और रामसिंह की टीम का गठन किया गया. इस टीम ने बालश्रम उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भट्टा बस्ती इलाके में एक मकान पर छापा मारकर 22 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. उनसे बालश्रम करवाने वाले मोहम्मद शहनवाज शेख उर्फ गुड्डू भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.
छापेमारी से पहले फरार हुआ आरोपी : पुलिस के अनुसार, मासूम बच्चों से बालश्रम करवाने का आरोपी मोहम्मद शहनवाज शेख उर्फ गुड्डू भाई मूलतः बिहार के बनतारा गांव का रहने वाला है. फिलहाल, वह जयपुर में भट्टा बस्ती इलाके में काली पानी की टंकी के पास किराए के मकान में रहता है. पुलिस द्वारा छापेमारी की जब उसे भनक लगी तो वह मौके से फरार हो गया. अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
पढ़ाई के बहाने बिहार से जयपुर लाता बच्चों को : पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी गुड्डू भाई बिहार सहित अन्य राज्यों से कमजोर आय वर्ग के परिवारों के बच्चों को पढ़ाई और जयपुर घुमाने के बहाने यहां लेकर आता है और यहां लाख की चूडियां बनाने के काम में या चूड़ी कारखानों में लगा देता है. मजदूरी के नाम पर उन्हें 5-7 हजार रुपए देकर 14-16 घंटे तक लगातार काम करवाया जाता है. खाने को भी ठीक से नहीं दिया जाता, जिससे बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. पुलिस ने मुक्त करवाए गए 22 बच्चों को बाल संरक्षण गृह में दाखिल करवाया है.
इन लोगों का भी कार्रवाई में सहयोग : डीसीपीयू की अनीता मुवाल, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शीला सैनी, नया सवेरा के अखिलेश माहेश्वरी, बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट को-ऑर्डिनेटर दीप बनर्जी और सुन्नद सिंह, चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर सुमानसिंह, प्रयास संस्था के को-ऑर्डिनेटर भूपेंद्र कौर, दीप्ती, मानव तस्करी विरोधी यूनिट के कांस्टेबल विनोद और महिला कांस्टेबल अनीता, समरस भारत की शिवांगी, चाइल्ड लाइन के सदस्य आदित्य जैमन, बाल विकास संस्था के महेश बंजारा और बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़ी पार्वती, जयशशि और दीपक भी इस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे.
ज्यादातर बच्चों की उम्र 9 से 14 साल के बीच : पुलिस ने बताया है कि जिन 22 बच्चों को मुक्त करवाया गया है. वे 7 से 17 साल की उम्र के हैं. इनमें भी अधिकतर बच्चे 9 से 14 साल की उम्र के हैं. इन्हें मजदूरी के नाम पर 5-7 हजार रुपए दिए जाते और सुबह से देर रात तक काम करवाया जाता था. काम भी गंदे और घुटन से भरे बदबूदार कमरों में गर्म लाख की चूडियां बनाने का. इन्हें खाने के लिए भी पर्याप्त भोजन नहीं मिलता था. इससे ये बच्चे कुपोषण का शिकार भी हो रहे हैं.