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जयपुर: फर्जी हस्ताक्षर करके किया 5 लाख रुपए का गबन, आरोपी गिरफ्तार

जयपुर के शाहपुरा में 5 लाख रुपए का गबन करने के मामले में पुलिस ने आरोपी सीताराम यादव को गिरफ्तार किया है. आरोपी के खिलाफ मई 2019 में अध्यक्ष किशोर यादव की ओर से गबन का मामला दर्ज कराया गया था. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया. फिलहाल आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया है.

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5 लाख का गबन करने पर आरोपी गिरफ्तार

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Published : Jun 14, 2020, 11:58 AM IST

शाहपुरा (जयपुर). जिले में शाहपुरा के निकट ग्राम सेवा सहकारी समिति करीरी में व्यवस्थापक के पद पर रहते हुए ₹5 लाख का गबन करने का मामला सामने आया था. जिसके आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी सीताराम यादव थाना इलाके के खोजवाला गांव का रहने वाला है.

थाना प्रभारी दीपक खंडेलवाल ने बताया कि खोजावाला निवासी सीताराम यादव ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड करीरी में व्यवस्थापक के पद पर कार्यरत था. यादव को जनवरी 2019 में विभागीय जांच और अनियमितताओं के चलते व्यवस्थापक के पद से हटा दिया गया था.

5 लाख का गबन करने पर आरोपी गिरफ्तार

आरोपी ने 5 लाख की राशि डाली अपने खाते में

इस दौरान सीताराम यादव की ओर से आनन-फानन में ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष किशोर यादव के फर्जी हस्ताक्षर करके ₹5 लाख का गबन कर लिया गया. सीताराम ने ग्राम सेवा सहकारी समिति की ₹5 लाख की राशि धोखाधड़ी करके अपने निजी खाते में डाली थी.

वहीं, उक्त मामले के अध्यक्ष किशोर यादव की ओर से मई 2019 में व्यवस्थापक सीताराम यादव के खिलाफ गबन करने का मामला दर्ज कराया गया था. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस की ओर से अनुसंधान चल रहा था. इस दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए व्यवस्थापक सीताराम यादव को गिरफ्तार कर न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया है.

शाहपुरा चेयरमैन पर लगा वित्तीय अनियमितता का आरोप

शाहपुरा नगर पालिका के जिम्मेदार अनियमितता और गबन के आरोपों से घिरते जा रहे हैं. ताजा मामला शाहपुरा नगर पालिका चेयरमैन की ओर से वित्तीय अनियमितता बरतने को लेकर सामने आया थी. इसी को लेकर कांग्रेसी पार्षद समेत अन्य लोगों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नाम शाहपुरा उपखण्ड अधिकारी नरेंद्र कुमार मीणा को ज्ञापन सौंपा था और निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी.

इस ज्ञापन में बताया गया था कि साल 2018 में नगर पालिका की ओर से एक निविदा सूचना जारी की गई थी. उस निविदा में टेंडर राशि का उल्लेख नहीं किया गया था. टेंडर राशि में आवश्यकतानुसार और अमानत राशि 10 हजार रुपए अंकित की गई थी. नियमानुसार जब भी टेंडर जारी होता है, तो अमानत राशि 2 प्रतिशत के हिसाब से जमा की जाती है. ऐसे में जारी टेंडर 5 लाख रुपए का था, लेकिन चेयरमैन रजनी पारीक ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर करीब 15,34,879 रुपए का भुगतान कर दिया. ज्ञापन में पार्षदों ने चेयरमैन पर गबन का आरोप लगाया है.

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