जयपुर.राजस्थान में भ्रष्टाचार में संलिप्त विभिन्न विभागों के बड़े अधिकारी और कर्मचारी लगातार एसीबी की रडार (ACB eyes on corrupt officers and employees) पर हैं. एसीबी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि साल 2022 में सितंबर माह में अब तक राजस्थान एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (Prevention Of Corruption Act) के तहत 390 मामले दर्ज किए हैं. वहीं, ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए 350 रिश्वतखोरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया (DG ACB BL Soni gave information about the cases) गया है.
एसीबी की ओर से भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार करने का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है. इस साल आय से अधिक संपत्ति के 20 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. साथ ही पद के दुरुपयोग के भी 20 मामले दर्ज हुए हैं. डीजी एसीबी ने बताया कि पिछले सालों की तुलना में इस साल ट्रैप की संख्या लगभग दोगुनी है और ट्रैप के स्तर में काफी सुधार हुआ है. संगठित स्तर पर भ्रष्टाचार फैलाने वाले बड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
भ्रष्ट अधिकारियों पर एसीबी की टेढ़ी नजर बढ़ा एसीबी की कार्रवाई का दायरा:डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी मुख्यालय को लगातार शिकायतें प्राप्त हो (ACB Headquarters getting complaints continuously) रही हैं. परिवादी बेझिझक अपनी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं. यही कारण है कि ऐसे विभाग जहां पर पहले कार्रवाई नहीं होती थी. अब उन विभागों में भी ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, ड्रग डिपार्टमेंट, फूड इंस्पेक्टर और बायोफ्यूल अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. साथ ही ऐसे कई डिपार्टमेंट हैं, जहां पर भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर पूर्व में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं (Several officers of Rajasthan arrested for taking bribe) हुई थी. लेकिन अब शिकायतें प्राप्त होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
वहीं, एसीबी ने विभिन्न जन जागरुकता व जनसंवाद कार्यक्रम के जरिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है. जिससे उनके मेहनत की कमाई को कोई रिश्वतखोर न लूट सके. हालांकि, अब लोग पहले की तुलना में अधिक जागरूक हुए हैं और लगातार रिश्वत की मांग करने वाले बड़े अधिकारी के खिलाफ खुलकर शिकायत कर रहे हैं. साथ ही एसीबी ने अपने इंटेलिजेंस तंत्र को भी पहले की तुलना में काफी मजबूत किया है, जिसके चलते बिना किसी परिवादी के रिश्वत देने व लेने वालों को दबोचा जा रहा है.
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ACB की 10 बड़ी कार्रवाई
- 5 करोड़ रुपए का बिल पास करने की एवज में 15.60 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एसएमएस अस्पताल के वित्तीय सलाहकार बृजभूषण शर्मा, राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (RMRS) के कैशियर अजय शर्मा और सहायक लेखाधिकारी प्रकाश शर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
- पाली में नेशनल हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यज्ञदत्त विदुवा को 13 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. परिवादी के काम में किसी भी तरह की अड़चन नहीं करने और उसकी 75 लाख रुपये की एचआर राशि रिलीज करने की एवज में नेशनल हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट निगम लिमिटेड पाली के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यज्ञदत्त विदुवा ने 13 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.
- पीएचईडी के चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल और दलाल कजोड़ मल तिवारी को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया. हरमाड़ा और बढ़ारना में पानी को लेकर हुए पीएचईडी के 28 करोड़ रुपए के टेंडर के मामले में दलाल के मार्फत संबंधित फर्म की ओर से 10 लाख रुपए की रिश्वत दी जा रही थी.
- जिला जयपुर ग्रामीण के गोविंदगढ़ थाने के इंस्पेक्टर हरिनारायण शर्मा को 6 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. एसएचओ ने परिवादी से जमीन धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार नहीं करने और नाम प्रकरण से हटाने के एवज में रिश्वत की मांग की थी.
- एसीबी ने अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर आईएएस नन्नूमल पहाड़िया, सेटेलमेंट ऑफिसर आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को हाईवे निर्माण कंपनी से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा. आरोपियों ने कंपनी से मासिक बंधी के रूप में 16 लाख रुपए की डिमांड की थी.
- बायोफ्यूल अथॉरिटी के सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ को 5 लाख रुपए के रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. 100 करोड़ रुपए की काली कमाई बरामद की गई. परिवादी की बायोफ्यूल फर्म को निर्बाध चलाने के लिए मासिक बंधी के रूप में 15 लाख और लाइसेंस रिन्यू करने की एवज में 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई.
- थानागाजी MLA के दोनों बेटों लोकेश मीणा व कृष्ण कांत मीणा, राजगढ़ BDO नेतराम और महिला प्रधान के बेटे जयप्रताप सिंह राठौड़ को 5 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया. परिवादी के हैंडपंप खुदाई कार्य के पेंडिंग चल रहे 14 लाख रुपए के बिल पास करने की एवज में उससे बतौर कमीशन 9 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई.
- सीकर जिले के ग्राम पंचायत जैतुसर का सरपंच श्रवण कुमार 2.10 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. परिवादी से बकाया बिलों का भुगतान करने सहित विभिन्न कार्यों की एवज में रिश्वत मांगी गई.
- राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के कनिष्ठ सहायक नंद किशोर शर्मा को 1.90 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. साथ ही एसीबी टीम ने रिश्वत राशि देने वाले प्राइवेट व्यक्ति बंशीलाल गुर्जर को भी गिरफ्तार किया. बंशीलाल गुर्जर ने एक नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने और सीट बढ़वाने के लिए कनिष्ठ सहायक नंदकिशोर शर्मा को रिश्वत राशि दी.
- एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस पार्षद रोहित बैरागी को 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. नगर परिषद बूंदी में कांग्रेस पार्टी के पार्षद रोहित बैरागी ने रिश्वत की यह राशि भवन निर्माण की स्वीकृति दिलाने की एवज में मांगी.