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एसीबी कोर्ट ने रिश्वत मामले में मेयर के पति सुशील गुर्जर और दलालों की जमानत अर्जी की खारिज - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत के मामले में मेयर मुनेश गुर्जर के (rejects bail application of Sushil Gurjar) पति सुशील गुर्जर और दो अन्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

ACB court rejects bail,  rejects bail application
सुशील गुर्जर और दलालों की जमानत अर्जी की खारिज.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 9:34 PM IST

जयपुर.एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत मामले में नगर निगम हैरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि प्रकरण में अनुसंधान लंबित है. ऐसे में केस के इस स्तर पर आरोपियों को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

जमानत अर्जियों में कहा गया कि उन्हें प्रकरण में फंसाया गया है. पूरा मामला राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित है. इसके अलावा सुशील गुर्जर ने न तो रिश्वत की मांग की है और न ही उससे रिश्वत राशि बरामद हुई है. उसके घर से मिली 41 लाख रुपए की राशि उसके पिता की ओर से बेचे प्लॉट सहित अन्य मदों की राशि है. इसके अलावा केस के निस्तारण में समय लगेगा. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि आरोपियों में से एक आरोपी दो लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार हुआ है. वहीं मेयर के घर पट्टे जारी करने से जुड़ी छह फाइल बरामद हुई हैं. प्रकरण में एसीबी का अनुसंधान पूरा नहीं हुआ है.

पढ़ेंः Rajasthan ACB Action : जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के पति गिरफ्तार, 2 लाख रिश्वत मांगने का आरोप, घर से मिले 41.55 लाख रुपये नकद

इसके अलावा आरोपी रसूखदार हैं. ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उनकी जमानत अर्जियों को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि एसीबी ने नगर निगम से पट्टा जारी कराने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को गत दिनों गिरफ्तार किया था. वहीं मामले में राज्य सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर को भी निलंबित कर दिया था, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी.

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