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बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के डीएनए व मोबाइल जांच से कोर्ट का इनकार - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत में अस्मत (ACB court refuses to investigate) मांगने से जुड़े एक मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पेश तीन प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया.

ACB court refuses to investigate,  terminate RPS Kailash Bohra DNA and mobile
एसीबी मामलों की विशेष अदालत.

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Published : Jan 7, 2023, 8:04 PM IST

जयपुर.एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-एक ने रिश्वत में अस्मत मांगने से जुडे़ मामले में आरोपी बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के डीएनए व मोबाइल की जांच करवाने से इनकार कर दिया है. वहीं अदालत ने घटना स्थल का मौका-मुआयना भी वापस कराने से मना कर दिया है. अदालत ने यह (Court dismissed the applications) आदेश आरोपी के इस संबंध में पेश तीन प्रार्थना पत्रों को खारिज करते हुए दिए.

बोहरा की ओर से इन प्रार्थना पत्रों में कहा गया था कि उसके डीएनए की जांच की जाए और उसके मोबाइल का परीक्षण भी दोबारा करवाया जाए. इसके अलावा उसने मौका-मुआयना भी पुन: करवाने की कोर्ट से गुहार की थी. इन प्रार्थना पत्रों के जवाब में एसीबी का कहना था कि यह मामला दुष्कर्म के प्रयास का है और इसमें आरोपी के डीएनए जांच की जरूरत नहीं है. वहीं आरोपी के मोबाइल फोन और घटनास्थल का मौका-मुआयना की जांच हो चुकी है. ऐसे में इन्हें वापस कराने की जरूरत नहीं है.

पढ़ेंः रिश्वत में अस्मत मांगने का मामला: बर्खास्त डीएसपी कैलाश बोहरा ने पीड़िता पर लगाए आरोप, कोर्ट ने कहा-जेल अधीक्षक करें कार्रवाई

आरोपी के तीनों प्रार्थना पत्र आधारहीन हैं और मामले में देरी करने के लिए दायर किए गए हैं. प्रकरण में अभियोजन पक्ष के करीब 22 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. ऐसे में आरोपी के तीनों प्रार्थना पत्रों को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि पीड़िता ने मार्च 2021 में एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक सहित अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व धोखाधड़ी करने के तीन मामले दर्ज कराए थे. जिसकी जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के एसीपी कैलाश बोहरा के पास थी. केस में कार्रवाई की एवज में बोहरा ने पहले उससे पचास हजार रुपए लिए और बाद में अस्मत भी मांगी. इस दौरान 14 मार्च को बोहरा ने पीड़िता को अपने ऑफिस बुलाकर कमरा बंद कर लिया था. इस दौरान एसीबी ने बोहरा को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था. वहीं बाद में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए बोहरा को बर्खास्त कर दिया था.

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