जयपुर. विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम से लौटते वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे. इस मामले में पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. कार्रवाई का विरोध करते हुए बुधवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने गांधीनगर थाने के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनके कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा गया तो एबीवीपी की ओर से 21 मार्च को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
'रघुपति राघव राजाराम, पुलिस को सद्बुद्धि दे भगवान', 'वीरांगनाओं और बेरोजगारों को न्याय दो' जैसे नारे लगाते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने गांधीनगर थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही विश्वविद्यालय के आम छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए, गिरफ्तार छह कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की. इस दौरान थाने के बाहर बैरिकेडिंग पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है.
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एबीवीपी राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले आम छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. काले झंडे दिखाने वालों को गिरफ्तार करना बेशक जरूरी है, लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि उन्होंने काले झंडे क्यों दिखाए?. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने वीरांगनाओं को न्याय दिलाने के लिए ये कदम उठाया. क्या वीरांगनाओं का मुद्दा उठाना अपराध है ? यदि वीरांगनाओं के हक की बात करना गुनाह है तो विद्यार्थी परिषद का हर एक कार्यकर्ता गुनहगार है. उन्होंने कहा कि मंत्री और सरकारी नुमाइंदों ने वीरांगनाओं पर ओछी टिप्पणी की है, ये अशोभनीय है. राजस्थान वीरों की भूमि है, यहां वीरांगनाओं पर की गई अशोभनीय टिप्पणी कतई सहन नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने आम छात्रों को गिरफ्तार कर उसपर संगीन धाराओं में केस दर्ज किए हैं, जो पूरी तरह गलत है. इसकी एबीवीपी निंदा करती है, छात्र कोई अपराधी नहीं है. आरोप है कि 6 छात्रों को गिरफ्तार किया हुआ है, उनके साथ थाने में भी मारपीट की गई है. उनके पैरों में चोट आई है. उन्होंने सीएम अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन अब उनका दूसरा चेहरा नजर आ रहा है. प्रदेश में बेरोजगारों के साथ भी न्याय नहीं हो रहा पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं. बेरोजगार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, इसके विरोध में फिलहाल सांकेतिक प्रदर्शन किया गया है और 21 मार्च को बड़ा घेराव किया जाएगा.