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डॉग्स पर कंट्रोल का एबीसी प्रोग्राम ही जरिया, रीलोकेट करने को लेकर निगम के बंधे हैं हाथ..बताया ये कारण - Rajasthan Hindi News

जयपुर में स्ट्रीट डॉग का आतंक थम नहीं रहा. लोग निगम के पशु प्रबंधन को शिकायत देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं. वहीं, निगम प्रशासन स्ट्रीट डॉग्स को रीलोकेट नहीं करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर केवल एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को ही एकमात्र जरिया बता रहा है.

Street Dog Menace in Jaipur
जयपुर में स्ट्रीट डॉग का आतंक

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Published : Jul 5, 2023, 4:53 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 11:04 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. राजधानी जयपुर के प्रताप नगर के सेक्टर 71 में मंगलवार देर शाम पार्क में खेल रहे पांच साल के मासूम को कुत्तों ने काटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया. बच्चे वंश के जख्मी होने के बाद अभिभावक उसे एसएमएस हॉस्पिटल लेकर गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को छुट्टी दे दी गई. दर्द से कराहते बच्चे से ठीक से बोला तक नहीं जा रहा था.

इसके बाद अभिभावक निजी अस्पताल में ले जाने पर मजबूर हुए. पड़ोसियों का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है और निगम में सुनवाई हो नहीं रही. पार्क में कई आवारा कुत्ते भी घूमते हैं तो कुछ लोग भी अपने पालतू कुत्तों को यहां घुमाने के लिए लाते हैं, जबकि इस पर पांबदी है. लेकिन उन्हें रोकने वाला यहां कोई नहीं है.

पढ़ें :Street Dog Menace in Jaipur : पांच साल का मासूम वंश हुआ स्ट्रीट डॉग का शिकार, निगम का ABC प्रोग्राम ठप

उधर, मामले पर ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर महेंद्र सोनी ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और ये भी सच है कि कुत्तों की संख्या काफी बढ़ चुकी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि स्ट्रीट डॉग को रीलोकेट नहीं किया जा सकता. यदि कोई हिंसक डॉग है तो जरूर उसे कुछ समय के लिए ले जाया जा सकता है, लेकिन कुत्तों को एबीसी प्रोग्राम के जरिए बंध्याकरण कर उसी क्षेत्र में छोड़ने के नियम है. फिलहाल, एबीसी प्रोग्राम के तहत 800 से 900 डॉग का हर महीने बंध्याकरण किया जा रहा है. कोशिश की जाएगी कि इस प्रोग्राम की गति बढ़ाई जाए.

पार्कों में डॉग्स को घुमाने के सवाल पर महेंद्र सोनी ने कहा कि डॉग्स को घुमाना तो एनिमल राइट के रूप में है. जो लोग डॉग्स बाइटिंग के शिकार हैं, उनके प्रति सहानुभूति है. लेकिन डॉग लवर और कुछ एनजीओ स्ट्रीट डॉग के रीलोकेशन पर ऐतराज जताते हैं. इसमें बैलेंस रखते हुए ज्यादा से ज्यादा एबीसी प्रोग्राम पर ही फोकस है.

जहां तक बात पार्कों में डॉग की है, तो शहर में करीब 800 पार्क हैं. उन पार्कों को डॉग्स की रीच से बाहर करने के लिए उनकी बाउंड्रीज को ऊंचा करना अनावश्यक बहुत बड़ा भार है. भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं ना हो उसके लिए निगम प्रयास रहेगा, क्योंकि वंश का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. ऐसे में कमिश्नर ने उन तक किसी तरह मदद पहुंचाने की बात कही.

Last Updated : Jul 5, 2023, 11:04 PM IST

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