जयपुर. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राजकीय माध्यमिक स्कूलों की दशा अब सुधरने वाली है. प्रदेश के 9 हजार से ज्यादा स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने आदर्श विद्यालय योजना के तहत चिह्नित किया है. इन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में शहरी विद्यालयों की तर्ज पर सुविधाएं मिलेंगी. निदेशालय ने चिह्नित ग्रामीण आदर्श विद्यालयों को शहरी आदर्श विद्यालय योजना के तहत संचालित और विकसित करने के आदेश दिए हैं. जिसमें जयपुर जिले के भी 512 स्कूल शामिल हैं.
राज्य सरकार की आदर्श विद्यालय योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में एक राजकीय विद्यालय का चयन कर विकसित किया जाना है. इस योजना के तहत जयपुर जिले से 512 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का चयन किया गया है. चिह्नित विद्यालयों में चारदीवारी, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जहां व्यावसायिक शिक्षा संचालित है, वहां वोकेशनल लैब, महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी.
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इसके अलावा स्कूल के लिए आवश्यक पुस्तकालय, विकसित खेल मैदान, खेल सामग्री, फर्नीचर के अलावा छोटे बच्चों को पढ़ाई के लिए एबीएल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. सबसे जरूरी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का प्रयास यही है कि स्कूलों में नया सत्र शुरू होने से पहले चिह्नित ग्रामीण स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया जाए.
जयपुर जिले के स्कूल :
- पावटा - 28
- कोटपूतली - 30
- माधोराजपुरा - 17
- फागी - 16
- सांगानेर - 26
- चाकसू - 21
- कोटखावदा - 17
- विराटनगर - 29
- शाहपुरा - 31
- गोविंदगढ़ - 45
- किशनगढ़ रेनवाल - 21
- जोबनेर - 18
- सांभर - 19
- आमेर - 15
- जालसू - 26
- जमवारामगढ़ - 31
- आंधी - 21
- बस्सी - 26
- तूंगा - 18
- झोटवाड़ा - 14
- मौजमाबाद - 17
- दूदू - 14
- अन्य - 12
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इन सभी विद्यालयों में शहर में संचालित विद्यालयों की तर्ज पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए जरूरी बजट भी दिया जाएगा और व्यवस्थाएं भी की जाएंगी. ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए बेहतर प्लेटफार्म मिले. विद्यालय में पढ़ाई का स्तर सुधरे और रिजल्ट भी बेहतर ही आए.