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राजस्थान में कोरोना के 34 एक्टिव केस, 4 मरीजों के सैंपल में मिला नया वेरिएंट, एक की हो चुकी मौत - Rajasthan Hindi news

Rajasthan Corona Case, राजस्थान में तेजी से कोरोना पैर पसार रहा है. अब तक प्रदेश में कुल 34 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4 मरीजों में नया वेरिएंट मिला है. इनमें से एक की मौत हो चुकी है.

Corona in Rajasthan
Corona in Rajasthan

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 27, 2023, 8:26 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना के नए वेरिएंट की एंट्री हो गई है. दौसा, भरतपुर, अजमेर, और झुंझुनू में मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग में चार मरीजों में कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 मिला है. इनमें से दौसा जिले के एक मरीज की मौत हो चुकी है, जो सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित था. वहीं, बुधवार को 8 नए पॉजिटिव मरीज और सामने आने के बाद अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 34 पहुंच गई है.

यहां इतने केस : प्रदेश में कोविड पॉजिटिव केस लगातार बढ़ रहे हैं. बीते एक सप्ताह में 34 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. इनमें सर्वाधिक 19 केस जयपुर जिले में हैं, जबकि अजमेर में 1, अलवर में 3, झुंझुनू में 2, भरतपुर में 2, दौसा में 1, धौलपुर में 1, झालावाड़ में 1, जोधपुर में 1, नागौर में 1, सवाई माधोपुर में 1, सीकर में 1 एक्टिव मरीज मौजूद हैं. हालांकि, बुधवार को जो 1052 सैंपल की जांच हुई उनमें सिर्फ 8 ही नए पॉजिटिव केस मिले हैं. बीते दिनों जिन पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, उनमें चार में नया वेरिएंट JN.1 मिला है, जिसके बाद स्वास्थ्य महकमा मॉनिटरिंग को लेकर और ज्यादा सक्रिय हो गया है.

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सब वेरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं : एसएमएस मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी की सीनियर प्रोफेसर डॉ. भारती मल्होत्रा ने बताया कि बीते दिनों कोविड के जिन पॉजिटिव मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करवाई गई, उनमें से 4 सैंपल में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 की पुष्टि हुई है. हालांकि, डॉक्टर्स ये स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना के इस सब वेरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं है. इस वेरिएंट से प्रभावित मरीजों में बीमारी के सामान्य लक्षण ही मिले हैं. दौसा सहित देशभर में जिन भी मरीजों की मौत हुई है, उनमें अधिकांश मरीज पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. एहतियात के तौर पर मरीजों के क्षेत्र के संबंधित सीएमएचओ को सूचित किया गया है, ताकि वो निगरानी रख सकें और उसके आसपास के दूसरे बीमार मरीजों की भी सैंपलिंग करवा सकें.

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