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जयपुर के डॉक्टरों ने रचा कीर्तिमान, सफलता पूर्वक की 3 दुर्लभ किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी

जयपुर में चिकित्सकों ने फिर 3 दुर्लभ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी कर कीर्तिमान रचा है. यहां किसी मरीज को उसकी मां ने तो किसी को किसी मरीज को उसकी पत्नी और मौसी ने किडनी दी है. इसमें किसी डोनर का ब्लड B+, AB+ था, तो किसी का ब्लड O+ और B+ था. ऐसे में चिकित्सकों ने 3 दुर्लभ सफल ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण किया.

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Published : Feb 8, 2020, 7:12 PM IST

3 kidney transplant surgery in jaipur, 3 दुर्लभ किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी जयपुर
सफलता पूर्वक की 3 दुर्लभ किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी

जयपुर.राजधानी के चिकित्सकों ने एक बार फिर अपना कीर्तिमान बनाया. निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने लगातार 3 दुर्लभ सफल ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण किये. राजस्थान में चिकित्सा जगत का ये मील का पत्थर है. ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण में दाता और प्राप्तकर्ता के रक्त समूह के नहीं मिलने पर भी किडनी प्रत्यारोपण किया जाता है.

दरअसल, 18 वर्षीय रवि (बदला हुआ नाम), 39 वर्षीय राजबाला (बदला हुआ नाम) और 52 वर्षीय आदित्य (बदला हुआ नाम) को नया जीवन प्रदान किया. यह संभव हो पाया एक दुर्लभ और अद्वितीय ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण के कारण. 18 वर्षीय मरीज को उसकी मां ने किडनी दान की इसमें दाता का रक्त समूह B+ था और उनके बेटे का रक्त समूह O+ था. वहीं दूसरी 39 वर्षीय मरीज को उनकी 57 वर्षीय मौसी ने किडनी दान की जो अपने आप में एक अतुलनीय और दिल को छू लेने वाला मामला है. इसमें प्राप्तकर्ता का रक्त समूह O+ था और दाता का रक्त समूह B+ था. वहीं तीसरा मामला 52 वर्षीय मरीज को उसकी पति को किडनी दान की. इस मामले में दाता का रक्त समूह AB+ था और प्राप्तकर्ता का रक्त समूह B+ था.

सफलता पूर्वक की 3 दुर्लभ किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी

बता दें कि सभी मरीज गंभीर रूप से किडनी की समस्या से पीड़ित थे और गुर्दा प्रत्यारोपण ही उनके लिए उपचार का अंतिम विकल्प था. क्योंकि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा था और वे प्रत्यारोपण के लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं. उनके परिवार के सदस्यों ने अपनों का जीवन बचाने के लिए किडनी दान देने का निर्णय लिया.

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वहीं नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र गोस्वामी और डॉ. आलोक पांडे ने बताया कि, किडनी ट्रांसप्लांटेशन एंड-स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) के रोगियों के लिए रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (RRT) का सबसे अच्छा रुप है. ESRD कि केवल 10% रोगी ही भारत में RRT करवा पाते हैं. मात्र 2% रोगी ही गुर्दा प्रत्यारोपण करवा पाते हैं और लगभग 35% किडनी दाताओं का ब्लड ग्रुप का मिलान नहीं होने के कारण ट्रांसप्लांट नहीं हो पाता. इस अवरोध को ABO अनसंगत किडनी प्रत्यारोपण के मदद से हटाया जा सकता है.

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