जयपुर.राजधानी के चिकित्सकों ने एक बार फिर अपना कीर्तिमान बनाया. निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने लगातार 3 दुर्लभ सफल ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण किये. राजस्थान में चिकित्सा जगत का ये मील का पत्थर है. ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण में दाता और प्राप्तकर्ता के रक्त समूह के नहीं मिलने पर भी किडनी प्रत्यारोपण किया जाता है.
दरअसल, 18 वर्षीय रवि (बदला हुआ नाम), 39 वर्षीय राजबाला (बदला हुआ नाम) और 52 वर्षीय आदित्य (बदला हुआ नाम) को नया जीवन प्रदान किया. यह संभव हो पाया एक दुर्लभ और अद्वितीय ABO असंगत किडनी प्रत्यारोपण के कारण. 18 वर्षीय मरीज को उसकी मां ने किडनी दान की इसमें दाता का रक्त समूह B+ था और उनके बेटे का रक्त समूह O+ था. वहीं दूसरी 39 वर्षीय मरीज को उनकी 57 वर्षीय मौसी ने किडनी दान की जो अपने आप में एक अतुलनीय और दिल को छू लेने वाला मामला है. इसमें प्राप्तकर्ता का रक्त समूह O+ था और दाता का रक्त समूह B+ था. वहीं तीसरा मामला 52 वर्षीय मरीज को उसकी पति को किडनी दान की. इस मामले में दाता का रक्त समूह AB+ था और प्राप्तकर्ता का रक्त समूह B+ था.