जयपुर. मई 2017 से पंचायतों एवं विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे 27 हजार पंचायत सहायक पंचायती राज और शिक्षा विभाग की आपसी तनातनी का शिकार हो रहे हैं. बता दें कि अल्प मानदेय में कार्य कर रहे पंचायत सहायकों को दोनों विभाग जैसी मर्जी हो उस तरीके से इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत सहायकों के कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाने की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी कर दिया. बावजूद उसके शिक्षा विभाग कार्यकाल वृद्धि के आदेश नहीं निकाल रहा है, ऐसे में इन 27 हजार सहायकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार पंचायत सहायकों को पिछले 4 महीने से कार्यकाल वृद्धि के आदेश को लेकर दोनों विभागों की आपसी लड़ाई चरम पर रही. उसके बाद 6 सितंबर को पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यकाल वृद्धि के आदेश की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी किया तो 27 हजार पंचायत सहायकों को एक बार फिर उम्मीद जगी. लेकिन पंचायती राज के आदेश के बाद आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग की ओर से सुनिश्चित करनी थी और पंचायत सहायकों के कार्य वृद्धि का स्पष्ट आदेश जारी करना था लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने आदेश जारी नहीं किया.