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महाराजा सूरजमल का 260वां बलिदान दिवस, सीएम भजनलाल बोले- सूरजमल ने जनभावना के अनुरूप किया काम - महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस मनाया

जयपुर में पूर्व महाराजा सूरजमल के 260वें बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि सभा का आयोजन हुआ. पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भाग लेते हुए कहा कि सूरजमल ने जनभावना के अनुरूप काम किया था.

महाराजा सूरजमल का 260वां बलिदान दिवस
महाराजा सूरजमल का 260वां बलिदान दिवस

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2023, 6:16 PM IST

महाराजा सूरजमल के 260वां बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि सभा का आयोजन

जयपुर.राजधानी में महाराजा सूरजमल के 260वें बलिदान दिवस पर आदर्श जाट महासभा की ओर से पुष्पांजलि सभा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ,उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, आदर्श जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भैरू राम डागर ने भाग लिया. इस दौरान सीएम भजनलाल ने कहा कि सूरजमल ने जनभावना के अनुरूप काम किया था. कार्यक्रम में जाट समाज के लोगों ने जयपुर की एमआई रोड का नाम महाराजा सूरजमल के नाम से रखने और जयपुर में जाट समाज का छात्रावास बनाने की भी मांग की.

महाराजा सूरजमल देश के गौरव : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पूर्व महाराजा सूरजमल दुनिया में एक अच्छे शासक-प्रशासक थे. उन्होंने जन भावना के अनुरूप जनता के काम किए थे. महाराजा सूरजमल की मिसाल पूरे देश और दुनिया में थी. सीएम ने कहा कि पूर्व महाराजा सूरजमल देश के गौरव हैं, महाराजा सूरजमल का जब नाम लेते हैं, तो शरीर में एक स्फूर्ति पैदा होती है. दुनिया में अजय कोई दुर्ग है, तो वह लोहागढ़ दुर्ग है. मुगल सल्तनत के दौरान सबसे नजदीक पूर्व महाराजा सूरजमल रहते थे. फतेहपुर-सीकरी भरतपुर से मात्र 22 किलोमीटर है और आगरा 50 किलोमीटर है, लेकिन भरतपुर की तरफ आंख उठाकर देखने की किसी में हिम्मत नहीं हुई, क्योंकि वहां सूरजमल का लोहा था. उन्होंने कहा कि सूरजमल ने हमारी संस्कृति और हमारे सनातन के लिए काम किया था. कमजोर राजाओं की मदद करने का काम भी पूर्व महाराजा सूरजमल ने किया.

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सभी धर्म को समान भाव से देखते थे :सीएम ने कहा कि"पूर्व महाराजा सूरजमल सभी जाति-धर्म को समान भाव से देखते थे, जब भी युद्ध की आवश्यकता होती थी, तो गांव में डंका पिटता था, आज लड़ाई की आवश्यकता है, तो बुजुर्ग, माताओं, बच्चों को छोड़कर सभी लोग हथियार लेकर अपने घरों से निकलते थे. दुनिया में कोई भी फौज ऐसी नहीं थी जो महाराजा सूरजमल का मुकाबला कर सके. लोहागढ़ ऐसा दुर्ग है, जिसको दुश्मन भी भेद नहीं सकता था. लोहागढ़ पर कई आक्रमण भी हुए, लेकिन कोई जीत नहीं सका."

महाराजा सूरजमल देश के लिए ज्योतिपुंज हैं :सीएम बोले कि"पूर्व महाराजा सूरजमल दूरदर्शी और न्याय प्रिय थे. सूरजमल सभी को साथ लेकर चलने वाले थे. उनके राज में सभी को सुरक्षा मिलती थी. सूरजमल देश के लिए ज्योतिपुंज है, जिनके प्रकाश से हम आज तक उनके प्रकाश की रोशनी में सभी सुरक्षित हैं."

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एमआई रोड का नाम महाराजा सूरजमल के नाम से रखने की मांग :विधायक कन्हैयालाल ने मांग करते हुए कहा कि जयपुर के मिर्जा स्माइल रोड (एमआई रोड) का नाम महाराजा सूरजमल के नाम से रखा जाए और 5 बत्ती पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाई जाए. इस पर सीएम ने कहा कि "पूर्व महाराजा सूरजमल के लिए जितना करेंगे, उतना ही कम है. आपके सुझाव पर विचार नहीं, बल्कि उनको पूरा किया भी जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व महाराजा सूरजमल का इस देश के ऊपर ऋण है. सूरजमल ने देश को दिशा देने का काम किया था, इस देश की संस्कृति और सनातन को मजबूत करने का काम किया था."

महाराजा सूरजमल पूरे हिंदू समाज के लिए आदर्श :वहीं,डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि पूर्व महाराजा सूरजमल ने हमेशा समाज उत्थान के लिए काम किया. सूरजमल पूरे हिंदू समाज के लिए काम करते थे. सूरजमल एक समाज के नहीं पूरे हिंदू समाज के लिए आदर्श हैं.

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