जयपुर. राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से 23वां वार्षिक कला मेले का शुक्रवार को आगाज हुआ. जवाहर कला केंद्र परिसर में ये मेला 8 फरवरी तक चलेगा. मेले में प्रदेश के युवा और वरिष्ठ कलाकारों, कॉलेजों और कला संगठनों को भी जोड़ा गया. साथ ही 10 वरिष्ठ कलाकारों का राष्ट्रीय शिविर आयोजित किया गया है. जेकेके की सुदर्शन आर्ट गैलरी में राजस्थान के दिवंगत कलाकारों की बनाई कलाकृतियां प्रदर्शित की गई. सुकृति आर्ट गैलरी में राजस्थान ललित कला अकादमी के मौजूदा चित्रों का संग्रह भी प्रदर्शित किया गया. वहीं, सुरेख और सुदर्शन आर्ट गैलरी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त, पद्मश्री से सम्मानित कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी रही.
कला मेले में 110 से अधिक स्टॉल: कृष्णायन सभागार में कई कलाओं पर परिचर्चा रखी गई है. साथ ही राजस्थान सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता के लिए शिल्पग्राम में राजस्थान सरकार की कल्याणकारी योजना की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. मेले में कुछ कलाकारों की पेंटिंग्स चर्चा का विषय रही. इस बार कला मेले में 110 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा कलाकारों को अपने हुनर को दिखाने का मौका मिले. ये मेला हर दिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक दर्शकों के लिए निःशुल्क खुला रहेगा.
मंत्री बीडी कल्ला ने क्या कहा जानिए: मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि हर बार ऐसा लगता था कि अकादमी और सरकार की ओर से मेला लगाया गया है, लेकिन इस बार कलाकार स्वयं रुचि लेकर इस मेला का आयोजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि कला संस्कृति के क्षेत्र में कलाकार स्वयं आगे आकर इन कलाओं का विकास करें. राजस्थान शुरू से ही कला संस्कृति की धरोहर रही है. यहां का कत्थक, ललित कलाएं, चित्रकला, वास्तु कला हमेशा अव्वल रही हैं. इस तरह के मेलों के माध्यम से अच्छे चित्रकार तैयार होंगे और दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगे.