जयपुर. एशियन गेम्स की तर्ज पर राजस्थान में वर्ष 2020 में स्टेट गेम्स का आयोजन किया गया था. इन खेलों में प्रदेशभर के हजारों खिलाड़ियों ने भाग लिया था. खेल विभाग ने स्टेट गेम्स का सफल आयोजन तो किया, लेकिन इन खेलों में विजेता रही टीमों को और खिलाड़ियों को आज भी प्राइज मनी का इंतजार (2020 State games winner waiting for prize money) है. इसके बाद सरकार ने ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन भी कर दिया और अब शहरी ओलंपिक आयोजन की तैयारी की जा रही है.
जनवरी, 2020 में पहली बार एशियन गेम्स की तर्ज पर स्टेट गेम्स (State games 2020) का आयोजन गहलोत सरकार की ओर से किया गया था. इन खेलों में 33 जिलों के करीब 8000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेने जयपुर पहुंचे थे. इन स्टेट गेम्स में तकरीबन 18 खेलों को शामिल किया गया था. जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम के अलावा अन्य मैदानों पर इन खेलों का आयोजन किया गया था. सरकार ने इन स्टेट गेम्स का आयोजन सफल तरीके से किया लेकिन आज तक विजेता खिलाड़ियों और टीमों को प्राइज मनी नहीं मिल पाई है.
स्टेट गेम्स के विजेता खिलाड़ियों को आज भी प्राइज मनी का इंतजार पढ़ें:Exclusive : सम्मान का इंतजार...खिलाड़ियों और कोच को 4 साल से नहीं मिला महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड
इन खेलों में जयपुर 33 स्वर्ण पदकों के साथ पहले स्थान पर रहा था. जबकि हनुमानगढ़ 7 स्वर्ण के साथ दूसरे और सीकर तीसरे स्थान पर रहा था. पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकार ने प्राइज मनी के अलावा स्कॉलरशिप देने की भी घोषणा की थी ताकि इस स्कॉलरशिप के माध्यम से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों के लिए तैयारी कर सकें. मामले को लेकर राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी का कहना है कि ग्रामीण ओलंपिक की तर्ज पर करीब 2 साल पहले सरकार ने स्टेट गेम्स का आयोजन किया था और राजस्थान के तकरीबन हर जिले से टीमें और खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे थे. लेकिन आज तक उन खिलाड़ियों को और टीमों को प्राइज मनी तक सरकार नहीं दे पाई है.
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दानवीर का कहना है कि हाल ही में आयोजित हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में जिन प्राइवेट कंपनियों को एसोसिएट किया गया था, सिर्फ उन लोगों ने विजेताओं को प्राइज मनी दी. जबकि सरकार की ओर से अभी तक ग्रामीण ओलंपिक खेलों में विजेता रहे खिलाड़ियों को भी कोई प्राइज मनी देने की घोषणा नहीं की गई है. दानवीर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि खेलों के माध्यम से सरकार राजनीति कर रही है और खेलों को राजनीति का अड्डा बना दिया गया है.