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सावधान! यह हैं गुलाबी नगरी के 'काले दाग', हादसे और उनमें मरने वालों के आंकड़े से पुलिस भी चिंतित

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 8, 2023, 3:31 PM IST

गुलाबी नगरी के रूप में पहचान रखने वाला जयपुर शहर सड़क हादसों का 'ब्लैक स्पॉट्स' बन गया है. शहर में 20 ऐसी जगह हैं, जहां हादसे और इनमें मरने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आखिर क्यों इन प्वाइंट्स पर बढ़ रहे हैं सड़क हादसे और इन्हें रोकने के लिए क्या उठाए जा रहे हैं कदम, पढ़िए इस रिपोर्ट में....

Accident Prone Points in Jaipur
Accident Prone Points in Jaipur

यह हैं गुलाबी नगरी के 'काले दाग'

जयपुर. प्रदेश की राजधानी और दुनियाभर में गुलाबी नगरी के रूप में अनूठी पहचान रखने वाले जयपुर शहर में सड़क हादसे और उनमें जान गंवाने वालों की संख्या में आए दिन बढ़ोतरी हो रही है. चिंताजनक बात यह है कि शहर में करीब 20 पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां सड़क हादसों और उनमें घायलों-मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. इन आंकड़ों ने आमजन के साथ ही पुलिस को भी चिंता में डाल दिया है. पुलिस के कागजों में इन्हें 'ब्लैक स्पॉट्स' नाम दिया गया है.

दरअसल, राजधानी में सड़क हादसों को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारियों ने मंथन किया तो 20 पॉइंट्स ऐसे निकलकर आए, जहां हादसों और इनमें मरने वाले और घायलों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पुलिस का आंकड़ा बताता है कि बीते तीन साल में इन ब्लैक स्पॉट्स पर 215 बड़े हादसे हुए हैं, जिनमें 182 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 95 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. ऐसे में अब पुलिस, यातायात पुलिस सरकार के अन्य विभागों के साथ मिलकर हादसों के कारणों की पड़ताल करके उन्हें दूर करने में जुटी है.

इन जगहों पर हादसों का खतरा ज्यादा

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यह हैं हादसों के प्रमुख कारण :पुलिस ने जो ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए हैं, वहां हादसों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण यातायात नियमों की अनदेखी सामने आ रही है. इसके साथ ही रोड इंजीनियरिंग से जुड़ी खामियों, नशे की हालत में तेज गति से वाहन चलाने को भी हादसों का बड़ा कारण माना जा रहा है.

सीसीटीवी से निगरानी, ड्रोन से पकड़ेंगे खामियां :अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि शहर के सभी ब्लैक स्पॉट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जाएगी. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के लिए मल्टीपल वायलेशन डिटेक्शन कैमरे स्थापित किए जाएंगे. हादसे के समय प्राथमिक चिकित्सा संसाधन मुहैया करवाकर भी मृतकों की संख्या में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही ब्लैक स्पॉट्स की ड्रोन कैमरे से फोटोग्राफी करवाकर रोड इंजीनियरिंग की खामियों को दूर कर सुधार कार्य करवाए जाएंगे.

इन जगहों पर हादसों का खतरा ज्यादा

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अन्य विभागों से भी किया जा रहा समन्वय :उन्होंने बताया कि ब्लैक स्पॉट्स पर चेतावनी बोर्ड, स्पीड ब्रेकर, रोड मार्किंग और टूटी सड़कों की मरम्मत करवाने, कुछ चौराहों-सर्किल की चौड़ाई कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है. अनावश्यक कट को बंद कर, रोड मीडियन की ऊंचाई बढ़ाने पर भी जोर है. इसके लिए संबंधित विभागों से पत्राचार किया गया है.

इन जगहों पर हादसों का खतरा ज्यादा

नियम तोड़ने वालों पर एक्शन, स्पीड कंट्रोल पर जोर :राहुल प्रकाश का कहना है कि इस साल अब तक गलत दिशा में वाहन चलाने पर 1,164 और नो एंट्री में प्रवेश पर 798 वाहन चालकों के चालान किए गए हैं. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 12,862 चालकों के लाइसेंस निलंबित करने के लिए परिवहन विभाग को सिफारिश की गई है. स्पीड कंट्रोल करने के लिए खास तौर पर रात के समय रिफ्लेक्टर लगे बैरिकेड्स जिगजैग तरीके से लगाए जा रहे हैं.

इन जगहों पर हादसों का खतरा ज्यादा

तीनों सालों का हाल :

  1. साल 2021 में शहर के 20 ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे के 78 मुकदमें दर्ज हुए, इनमें 64 लोग घायल हुए, जबकि 35 लोगों की मौत हुई.
  2. साल 2022 में शहर के चिह्नित स्थानों पर हादसे के 82 मामले दर्ज हुए. इनमें 61 लोग घायल हुए, जबकि 37 लोगों की जान गई.
  3. इस साल अब तक इन चिह्नित 20 स्थानों पर हादसे के 55 मुकदमें दर्ज हुए. इन हादसों में 57 लोग घायल हुए और 23 लोगों की मौत हुई.

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