जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रदेश में 1035 नए पटवार मण्डलों के सृजन की मंजूरी दी है. इस निर्णय से आमजन को राजस्व, प्रशासनिक एवं सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यों में आसानी होगी.
अजमेर में 21, अलवर में 18, बांसवाड़ा में 12, बांरा, चूरू, धौलपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर में 15-15 पटवार मंडलों को मंजूरी दी गयी है. बाड़मेर में 11, भरतपुर में 1, भीलवाड़ा में 63, बीकानेर में 128, बूंदी में 28, चित्तौड़गढ़ में 10, हनुमानगढ़ में 58, जयपुर में 35, जैसलमेर में 20, जालोर में 66, झालावाड़ में 14 पटवार मंडल बनाये जाएंगे. इसके अलावा झुंझुनूं में 18, जोधपुर में 51, करौली में 27, कोटा में 16, नागौर में 70, पाली में 20, प्रतापगढ़ में 26, राजसमन्द में 17, श्रीगंगानगर में 75, सीकर में 30, सिरोही में 14, टोंक में 34 तथा उदयपुर में 77 पटवार मण्डलों का सृजन होगा.
पढ़ें:पटवारियों की हड़ताल युवाओं के भविष्य पर पड़ रही भारी! 222 पटवार मंडल बंद होने अटका काम
राजस्थान पटवार संघ ने किया स्वागत:प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी. उसी बजट घोषणा की अनुपालना में इन पटवार मंडलो के सर्जन की मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पटवार मंडल बढ़ाने की घोषणा का राजस्थान पटवार संघ ने स्वागत किया है. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कविया ने कहा कि पटवार मंडलों की संख्या बढ़ने से आम जनता के काम अब आसानी से हो सकेंगे और किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा.
पढ़ें:नागौरः कलेक्टर से मिला पटवारी संघ का प्रतिनिधिमंडल, बोले- पंचायतों की तर्ज पर पटवार मंडलों का भी हो पुनर्गठन
कविया ने कहा कि गिरदावरी में अधिक समय लगता था वह भी कम हो जाएगा. कविया ने कहा कि सरकार ने 1035 पटवार मंडलों की संख्या बढ़ाई है, हमारी मांग है कि 2000 पटवार मंडल और बनने चाहिए ताकि आम जनता का काम जल्द हो सके. प्रदेश में वर्तमान में 11758 पटवार मंडल कार्यरत हैं. कविया ने पटवार मंडलों के अनुपात में पटवारियों के पदों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की है.