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भगवान गणपति को सवा लाख मोदकों का लगेगा भोग, माणक-पन्ना जड़ा मुकुट धारण करेंगे

जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार को भगवान गणेश को सवा लाख मोदकों का भोग लगाया जाएगा. साथ ही उन्हें माणक और पन्ना जड़ित विशेष मुकुट धारण कराया जाएगा.

1 lakh 25 thousand modaks,  modaks will be offered to Lord Ganesha
भगवान गणपति को सवा लाख मोदकों का लगेगा भोग.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 12, 2023, 10:37 PM IST

Updated : Sep 12, 2023, 11:34 PM IST

जयपुर.प्रथम पूज्य भगवान गणेश को बुधवार को 14 हजार 500 किलो सामग्री से बने सवा लाख मोदकों का भोग लगाते हुए झांकी सजाई जाएगी. इस दौरान भगवान को माणक और पन्ना जड़ा विशेष मुकुट धारण कराया जाएगा. सुबह 5 बजे से श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव के तहत बुधवार को महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सवा लाख मोदकों की झांकी सजाई जाएगी. इस झांकी में 251 किलो के 2 मोदक, 51 किलो के 5 मोदक, 21 किलो के 21 मोदक, 1.25 किलो के 1100 मोदक और अन्य छोटे मोदकों की झांकी सजाई जाएगी. भगवान गणेश को फूल बंगले में विराजमान कराया जाएगा. इसके साथ ही शाम 6. 30 बजे से रात 9 बजे तक निःशुल्क मोदक प्रसाद वितरण किया जाएगा. झांकी के दर्शन सुबह पांच बजे मंगला आरती के साथ शुरू होंगे, जो कि रात तक अनवरत जारी रहेंगे. इस बीच सुबह 10:30 बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 12:30 बजे भोग आरती, शाम 7.10 बजे संध्या आरती और रात 10.30 बजे शयन आरती होगी. बुधवार को मंदिर में बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा.

भगवान गणपति को भोग लगाने के लिए तैयार मोदक.

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बता दें कि मोदक झांकी के प्रसाद को बनाने के लिए 2 हजार 500 किलो घी, 3 हजार किलो बेसन, 9 हजार किलो शक्कर और 100 किलो मेवे का उपयोग किया गया है. वहीं भगवान को माणक और पन्ना जड़ा विशेष मुकुट धारण कराया जाएगा. मोदक झांकी आयोजन के बाद गुरुवार से सांस्कृतिक और भजन संध्या कार्यक्रम शुरू होंगे. मान्यता है कि भगवान गणपति को ध्रुपद गायन सबसे प्रिय है. इसी कारण भजन संध्या ध्रुपद गायन से शुरू होगी. ये कार्यक्रम 14 से 17 सितंबर तक हर दिन शाम 7 से रात 9 बजे तक आयोजित होगा.

भगवान गणपति को पहनाया जाएगा माणक-पन्ना जड़ित मुकुट.

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वहीं, शहर के प्रमुख श्वेतसिद्धि विनायक गणेश मंदिर में महंत पंडित मोहनलाल शर्मा के सान्निध्य में गलता गेट से सूरजपुर स्थित मंदिर परिसर तक कलश यात्रा निकाली गई. वहीं बुधवार सुबह 8 बजे शहनाई वादन से गणेश उत्सव कार्यक्रमों की शुरुआत होगी. गुरुवार सुबह 9.15 बजे गन्ने के रस से भक्त भगवान का अभिषेक करेंगे. शुक्रवार को नवरत्न मुकुट, हीरे जवाहरात और मोतियों से श्रृंगार किया जाएगा. 18 सितंबर को दोपहर 2.15 बजे से सिंजारा उत्सव के बाद 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी.

Last Updated : Sep 12, 2023, 11:34 PM IST

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