हनुमानगढ़. जिले की स्पिनिंग मिल एशिया की सबसे बड़ी मिल मानी जाती थी और इसे बंद हुए काफी साल भी हो चुके हैं. इसके बंद होने के बाद सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ चुके थे. इस मिल को खुलवाने के लिए मजदूरों ने बड़े आंदोलन किए. लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन किया. उसके बाद में सरकार ने इनकी सुध ली और इन्हें समायोजित करने की बात कही. लेकिन अबतक इन्हें समायोजित नहीं किया गया है. आंदोलनों के बाद इन्हें दूसरे विभागों में नौकरी दी गई. लेकिन वह भी गृह जिले से काफी दूर.
इस मुद्दे पर मजदूरों का कहना है, कि जो मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया था, उस निर्णय की पालना अबतक नहीं की गई है. इन्हें एक बार तो गृह जिले में लगाया गया था. लेकिन बाद में इन्हें गृह जिले से दूसरे जिलों में भेज दिया गया और सैलरी के नाम पर महज ₹8 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. जिससे इनका गुजारा होना काफी मुश्किल हो रहा है.