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आर-पार की लड़ाई के मूड में इंटक कर्मचारी बैठे धरने पर

हनुमानगढ़ में सोमवार को विद्युत कार्यालय के समक्ष इंटक कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर निजी कंपनी पर समय पर वेतन नहीं दिए जाने और कम वेतन दिए जाने का आरोप लगाया. उनका कहना है जब तक मांगें नहीं मानी जाती तब तक धरना जारी रहेगा.

इंटक कर्मियों का धरना

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Published : Jul 8, 2019, 10:23 PM IST

हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय पर स्थित विद्युत कार्यालय के समक्ष सोमवार को इंटक कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि निजी कंपनी संध्या प्राइवेट लिमिटेड उनका लंबे समय से वेतन नहीं दे रही है और जो वेतन दिया जा रहा है वह भी उनके मुंह में जीरे के समान दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मात्र 4 हजार रूपये उन्हें वेतन स्वरूप दिया जा रहा है और वह भी तीन-तीन माह के बाद. उन्होंने इस संबंध में पहले भी कई ज्ञापन दिए थे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसलिए अब वे आर-पार की लड़ाई के मूड में है और उन्होंने सोमवार को विद्युत कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

इंटक कर्मियों का धरना

कर्मचारियों का कहना है कि विद्युत विभाग की निजी कंपनी संध्या द्वारा कई कर्मचारियों को रखा गया है. इन कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी की जा रही है. इनका वेतन मात्र 4 हजार रूपये है और वह भी समय पर नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों और सरकार को कई बार पत्र लिखा है. कंपनी को अवगत भी करवाया है लेकिन कंपनी का मूल ऑफिस भी यही नहीं है इसलिए उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां जहां कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वहां भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, छाया के लिए तिरपाल और अन्य सुविधाएं होनी चाहिए, वह नहीं दी जा रही है. इसलिए उन्होंने अब ठान लिया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तब तक यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

वहीं इस मामले में विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता का कहना है कि इस बाबत उन्होंने कंपनी को नोटिस भी दिया है और उनका वेतन भी रोक रखा है जब तक इन कर्मचारियों की मांगे कंपनी द्वारा नहीं मानी जाएगी तब तक उन्हें उनका वेतन नहीं दिया जाएगा. साथ ही जो समस्या इन के सामने आ रही है उनको भी जल्द ही दूर किया जाएगा. हालांकि इन कर्मचारियों को विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा आश्वासन जरूर दिया गया है कि इनकी जल्द की समस्याओं का समाधान किया जाएग. देखना होगा कि इन कर्मचारियों की समस्याएं कब दूर होती है या फिर उन्हें आंदोलन ही जारी रखना पड़ेगा.

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