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पंजाब से राजस्थान आ रहे दूषित पानी के विरोध में सड़क पर उतरे लोग, जल्द कार्रवाई नहीं होने पर दी ये चेतावनी

पंजाब से राजस्थान की नहरों में आ रहे दूषित पानी के चलते हनुमानगढ़ में अब संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन को बढ़ाया जा रहा है. अपनी पूर्व की चेतावनी अनुसार आज संघर्ष समिति द्वारा हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया और मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गए.

दूषित पानी के चलते हनुमानगढ़ में हंगामा

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Published : Jul 15, 2019, 5:37 PM IST

हनुमानगढ़. पंजाब के काला सिंधिया नाले से फैक्ट्रियों का जो दूषित पानी व केमिकल युक्त पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है, उससे राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर पूरी तरह से दूषित हो चुकी है. जो लोग इस नहर पर निर्भर हैं वह बीमारियों का भी सामना कर रहे हैं. इतना ही नहीं दूषित पानी के चलते सैकड़ों और बीमारियां जैसे कैंसर, चर्म रोग की बीमारियां फैल रही हैं. वहीं, इस मामले को लेकर हनुमानगढ़ में लोग सड़कों पर उतरे और जल्द इस समस्या को दूर करने की मांग की.

इस बाबत पूर्व में भी कई बार आंदोलन किए गए थे, मामला एनजीटी में भी गया था और एनजीटी द्वारा पंजाब की फैक्ट्रियों पर जुर्माना भी लगाया गया. लेकिन उन फैक्ट्रियों पर कोई असर नहीं हुआ और लगातार लहरों में दूषित पानी, केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके कारण लोग बीमारियों का सामना करने को मजबूर हैं हनुमानगढ़ में अब एक बार फिर से संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन शुरू किया गया है. इस आंदोलन की कड़ी में सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया और लोगों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सरकार से मांग की गई कि वह राजस्थान और पंजाब की सरकारों से बात कर इस मामले को गंभीरता से ले और समस्या का निराकरण करे.

दूषित पानी के चलते हनुमानगढ़ में हंगामा

संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि मामला अब काफी गंभीर हो गया है. इसलिए आमजन इस लड़ाई को अब आर-पार के लड़ने के मूड में है. वह हरगिज पीछे नहीं हटेंगे जब तक इस समस्या का हल नहीं हो जाता. वहीं, इस मामले में ज्ञापन लेने के बाद जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे को लेकर सरकार से बात करेंगे. पंजाब सरकार को भी लिखेंगे और उनका ज्ञापन प्रधानमंत्री तक भी पहुंचाएंगे. संघर्ष समिति के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इस समस्या का पूर्णतया निराकरण नहीं हो जाता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे.

गौरतलब है कि संघर्ष समिति के गठन हुए 15 दिन हो चुके हैं और लगातार वे आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. आंदोलन की कड़ी में सोमवार को उन्होंने ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि जल्द ही समस्या का निराकरण किया जाए, नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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