हनुमानगढ़. हनुमानगढ़ के लोगों के लिए शुद्ध पीने के पानी की 281 करोड़ रुपए की परियोजना एक बार फिर से शुरू हो गई है. यहां आरयूआईडीपी की ओर से शुरू की गई पेयजल परियोजना कुछ दिन चलने के बाद ही बीच में रुक गई थी. जिससे एकबारगी यह संशय बन गया था कि यह परियोजना दोबारा शुरू होगी या नहीं, लेकिन एक बार फिर से अब यह परियोजना शुरू हो गई है. इसका कार्य फिर से युद्धस्तर से शुरू कर दिया गया है. गौरतलब है कि हनुमानगढ़ के लोग शोरा युक्त पानी पीने को मजबूर है. जिससे उन्हें कई बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में सरकार की ओर से 281 करोड़ की परियोजना शुरू की गई थी.
281 करोड़ की शुद्ध पानी की परियोजना फिर से शुरू - पानी
हनुमानगढ़ के लोगों के लिए शुद्ध पीने के पानी की 281 करोड़ रुपए की परियोजना एक बार फिर से शुरू हो गई है. गौरतलब है कि यह परियोजना बीच में बजट के अभाव में बंद हो गई थी. जिससे लोगों में निराशा थी. लेकिन अब परियोजना के फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों में शोरा युक्त पानी से छुटकारे के साथ ही साफ पानी मिलने की उम्मीद जगी है.
इस परियोजना के तहत शहर के लोगों को 24 घंटे शोरा मुक्त शुद्ध पेयजल मिलना और करीब 40 फीट की ऊंचाई तक पानी बिना मोटर के पहुंच पाना शामिल है. अधिकारी स्वीकार करते हैं कि कुछ समय के लिए परियोजना रुकी थी. जिससे उनमें भी निराशा थी. लेकिन वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और करीब 2 सालों में यह परियोजना पूरी हो जाएगी. इसके बाद सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचेगा और लोगों को शोरा युक्त पानी से छुटकारा मिल सकेगा.
निश्चित तौर पर हनुमानगढ़ के लोग शोरा युक्त पानी पीकर कई बीमारियों से घिर चुके थे और अब इस परियोजना के शुरू होने से उम्मीद जगी है कि उन्हें शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. हालांकि अधिकारियों ने 2 साल का वक्त मांगा है. लेकिन लोगों को उम्मीद है सब कुछ सही चला तो यह काम करीब ढाई से 3 सालों में पूरा हो पाएगा. क्योंकि जिस तरह से परियोजना बीच में रुक गई थी, श्रमिकों को हड़ताली करनी पड़ी थी, जिससे लोगों को निराशा हाथ लगी थी. लेकिन अब जब परियोजना दोबारा शुरू हुई है तो लोगों में एक उम्मीद जरूर जगी है.