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हनुमानगढ़: बिना रोडवेज की परमिशन के फर्जी टीपी से किया जा रहा था निजी बस का संचालन - rajasthan roadways

हनुमानगढ़ बस स्टैंड पर रविवार को रोडवेजकर्मियों ने बिना परमिशन सवारियों का परिवहन कर रही एक निजी बस को पकड़ लिया. पूछताछ में सामने आया कि जिस बस से सवारियों का परिवहन बस स्टैंड से किया जा रहा था. उस बस की परमिशन नहीं ली गई थी. केवल Temporary Permit थी. जिसपर भी परिवहन विभाग के अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं थे.

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हनुमानगढ़: बिना रोडवेज की परमिशन के फर्जी टीपी से किया जा रहा था निजी बस का संचालन

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Published : Jun 27, 2021, 7:03 PM IST

हनुमानगढ़. रोडवेज अधिकारियों ने रविवार को हनुमानगढ़ बस स्टैंड पर बिना रोडवेज की परिमट के चल रही निजी बस को पकड़ा है. बस मालिक के पास परमिशन के नाम पर केवल टीपी (Temporary Permit) थी. जिसके आधार पर बस स्टैंड से सवारियों का परिवहन नहीं किया जा सकता. विवाद बढ़ता देख मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने डीटीओ को मामले से अवगत करवाया.

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हनुमानगढ़ बस स्टैंड के प्रभारी लखवीर सिंह ने बताया कि बस नम्बर RJ13 PA6732 को रविवार को बस स्टैंड पर रोका गया है. जो गैरकानूनी रूप से बस स्टैंड से सवारियों का परिवहन कर रही थी. निजी बस संचालक ने हनुमानगढ़ परिवहन विभाग की तरफ से कोई परमिशन नहीं ली है. श्रीगंगानगर परिवहन विभाग की तरफ से केवल Temporary Permit है. जिसके आधार पर निजी बस संचालक बस स्टैंड से सवारियों का परिवहन नहीं कर सकता.

बिना परमिशन निजी बस का संचालन

बस संचालक ने माना कि उसके पास इस बस की परमिशन नहीं है. लेकिन उसका कहना था कि जिस बस की उन्होंने परमिशन ले रखी थी आज वो रास्ते में खराब हो गई तो दूसरी बस से सवारियों को लाया गया. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बस का चालान काटा है और 3 दिन के अंदर विभाग में दस्तावेज पेश करने के नोटिस दिया है. रोडवेजकर्मी इस कार्रवाई से असंतुष्ठ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने कार्रवाई के नाम पर केवल पल्ला झाड़ने का काम किया है.

फर्जी टीपी

फर्जी टीपी कैसे लगी बस संचालक के हाथ

निजी बस संचालक की तरफ से परमिशन के नाम पर जो टीपी दिखाई गई उसपर केवल मोहर लगी हुई थी. रोडवेज के अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं थे. जब इस संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता ने श्रीगंगानगर डीटीओ विनोद लेघा से फोन पर बात की तो उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही.

रोडवेजकर्मियों का कहना है कि निजी बस संचालक ने एसी बस का परमिट ले रखा है लेकिन उसकी जगह नॉन एसी बस चलाई जा रही है. जो बस चलाई जा रही है उसकी परमिट भी इनके पास नहीं है. केवल टैम्परेरी परमिट है. टैम्परेरी परमिट परिवहन विभाग केवल शादी-ब्याह में बसों के संचालन के लिए देता है. बिना परमिट बस चलाकर निजी बस संचालक परिवहन विभाग को टैक्स के रूप में चूना लगा रहे हैं. रोडवेजकर्मियों का कहना है कि अगर इस मामले की गहनता से जांच करवाई जाए तो बड़े खुलासे हो सकते हैं.

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