हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय पर शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान की समन्यक हेमलता शर्मा और निजी स्कूल संचालकों ने कारोना काल में सरकार की नीतियों के विरोधस्वरूप पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
स्कूल संचालकों और हेमलता शर्मा ने बैठक में कहा कि, सरकार की दोहरी नीतियों और शिक्षा मंत्री द्वारा जारी किए गए बयान में लिखित आदेश के बाद भी प्राइवेट स्कूलों से जुड़े 11 लाख कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है. कोरोना के वजह से उत्पन्न हुई इस आर्थिक की तंगी के कारण चार स्कूल संचालकों ने आत्महत्या तक कर ली है. अभिभावक फीस जमा नहीं करवा रहे हैं और स्कूल संचालकों को शिक्षकों को भुगतान करना पड़ रहा है.
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दूसरी तरफ पिछले 3 वर्षों से प्राइवेट स्कूलों के आरटीई का भुगतान नहीं हुआ है. उक्त राशि को मय ब्याज 2 रुपए सैकड़ा के हिसाब से स्कूलों को सरकार को देना चाहिए. जिससे प्राइवेट स्कूल संचालकों के सामने आर्थिक तंगी के हालात उत्पन्न नहीं हो. साथ ही समिति की समन्वयक हेमलता शर्मा ने कहा की सरकार उनके आरटीई के पैसों से होटलों में मौज-मस्ती कर रही है.