हनुमानगढ़. राजस्थान सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए हाई वैट के कारण पूरे राजस्थान सहित हनुमानगढ़ में भी पेट्रोल पम्प संचालक हड़ताल पर रहे. वाहन चालक तेल के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए. वहीं हड़ताल के दौरान आपातकालीन वाहनों अग्निशमन, एंबुलेंस और अन्य आपात परिस्थितियों में वाहनों के लिए आपूर्ति खुली रही. हलांकि हड़ताल के दौरान हनुमानगढ़ एसोशिएशन में आपसी फूट भी सामने आई. पेट्रोल पम्प संचालको का कहना है कि राज्य में ईंधन की उच्च लागत के कारण हम पंजाब जैसे अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में 34 प्रतिशत कम पेट्रोल और डीजल बेच रहे हैं. इस वजह से पेट्रोल पंप मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण उनमें से कुछ को तो ये व्यापार स्थायी रूप से बंद करना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों से ईंधन की हो रही तस्करी ने तो पम्प संचालकों की कमर ही तोड़ दी है.
संसदीय क्षेत्र श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद निहाल चन्द लोकसभा में शून्य काल के दौरान हनुमानगढ़ जिले में वर्ष 2010-11 से बंद पड़े तेल डिपो को जल्द से जल्द पुन: बहाल करने का मुद्दा उठाया जा चुका है. सांसद मेघवाल ने सदन को बताया कि पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान और खासकर जिला श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बिकता है. यहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े को भी पार कर गया है, जबकि पास के ही राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा में पेट्रोल और डीजल लगभग 10 से 12 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता है. राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें अत्यधिक होने से यहां पेट्रोल और डीजल की अवैध तस्करी भी हो रही है और यहां के पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं.
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