हनुमानगढ़.कोई भूखा ना सोये के संकल्प के साथ राजस्थान सरकार ने बड़े जोरो-शोरो से अपनी महत्वपूर्ण योजना बताते हुए इन्दिरा रसोई का शुभारम्भ किया था. प्रदेश की 213 नगर निकायों में 358 इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ 20 अगस्त को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था.
इनमें हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर भी 20 अगस्त को नगरपरिषद के अधीन एनजीओ के जरिए तीन रसोई घरों का शुभारंभ और संचालन भी नगरपरिषद अधिकारियों और जिला कलेक्टर की मौजूदगी में समारोहपूर्वक किया गया था. लेकिन शुरुआत में ही इस योजना पर संकट के बादल गहराने लगे है. क्योकि तीनों रसोइयों का संचालन कर रही एनजीओ द्वारा नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखा गया है. जिसमें रसोई के संचालन में होने वाले नुकसान के कारण अंकित करते हुए उन्होंने 10 सितम्बर से तीनों रसोईयों के संचालन में असमर्थता व्यक्त की है.
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बात करें एनजीओ का रसोई संचालन से इंकार करने की तो सबसे बड़ी वजह है कि हनुमानगढ़ में जिन तीन जगहों पर जंक्शन में श्रीगंगानगर फाटक के पास, दुर्गा मंदिर धर्मशाला के सामने और टाउन में महावीर दल धर्मशाला में इन्दिरा रसोई का संचालन किया जा रहा है. वहां इन तीनों जगहों पर पूर्व में ही सामाजिक संस्थाओं की ओर से जन सहयोग से रसोई का संचालन किया जा रहा था.
इन तीनों रसोई में दिन में एक समय में दस रुपए में भरपेट भोजन दिया जाता था, लेकिन तीनों रसोई इन्दिरा रसोई में तब्दील होने के कारण सरकारी अनुदान मिलने से दानदाताओं का आर्थिक सहयोग नहीं मिल रहा. अगर कोई दानदाता राशि का सहयोग करना चाहता भी है, तो उसे सीधे जिला कलक्टर और आयुक्त के संयुक्त खाते में राशि जमा करवाने का प्रावधान है.