हनुमानगढ़. प्रदेश भर में कोरोना आक्रामक रूप लेता जा रहा है. बावजूद लोग हद से ज्यादा लापरवाह दिखाई दे रहे हैं. तस्वीरों में इसकी बानगी साफ देखी जा सकती है. कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है, लेकिन हनुमानगढ़ में लोग कोरोना के खतरे को लेकर बेपरवाह है. लोग ही नहीं, यहां तक प्रशासन भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है. देखें ये खास रिपोर्ट
हनुमानगढ़ में कोरोना के प्रति लापरवाह लोगों की तस्वीरें आई सामने... पिछले वर्ष से भी खतरनाक स्थिति!
पिछले वर्ष 21 मार्च के दिन कोरोना को हराने के लिये जनता कर्फ्यू लगा था. जनता कर्फ्यू के दिन ही शाम को लॉकडाउन लगा दिया गया था. खास बात है कि जिस दिन लॉकडाउन लगाया गया. उस दिन जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव रोगी नहीं था. यानि, हम कोरोना के जिले में दस्तक से पहले ही अलर्ट हो गए थे. प्रशासन से लेकर आमजन तक खूब सावधानी बरत रहे थे, लेकिन अब हालात वैसे नहीं हैं. कोरोना के नए रोगी रोज मिल रहे हैं. जिले में पिछले एक माह में 58 से अधिक नए रोगी मिल चुके हैं, जिसमें 43 से अधिक एक्टिव केस हैं.
बस में बिना मास्क बैठे यात्री प्रशासन भी लापरवाह...
प्रदेश में एक साल के कोरोना काल मे सबसे अधिक कोरोना के 40000 मरीज सामने आए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर हनुमानगढ़ में आमजन की तरफ से तो लापरवाही बरती ही जा रही है, वहीं प्रशासन भी इस बार इतना सख्त और गंभीर नहीं दिख रहा है. सबसे अधिक लापरवाही सार्वजनिक स्थलों सहित सरकारी कार्यलयों और सबसे स्वेदनशील जगहों बस स्टैंड आदि पर देखने को मिल रही है. क्षमता से अधिक सवारियों से भरी सरकारी, लोक परिवहन और निजी बसें बेरोकटोक परिवहन कर रही है. सबसे बड़ी बात की राजस्थान के हनुमानगढ़ जंक्शन व टाउन से अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से बसों का आवागमन रहता है. इन बसों में अधिकतर सवरिया बिना मास्क के सफर करती नजर आती है. जब हमने इस बारे में हनुमानगढ़ जंक्शन के बस स्टैंड प्रभारी से बात की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए बहुत ही बेतुका लॉजिक दिया. उनका कहना है,की ये हमारी जिम्मेदारी नहीं है. पुलिस व डीटीओ विभाग की ड्यूटी है.
कैमरे के सामने आते ही मास्क पहनता पुलिसकर्मी सरकार के आदेशों पर जिले की सीमाओं पर स्पेशल चेक पोस्ट बनाई गई है. जहां अधिकारी दूसरे राज्य से आने वाले हर व्यक्ति की कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार जांच कर ही प्रवेश देने की बात कही जा रही है, लेकिन हाल ही में संगरिया बॉर्डर क्षेत्र में हुई किसान सभा में इन नियमों की भी गंभीरता से अनुपालना नहीं करवाई गई. सभा मे पंजाब-हरियाणा से बिना जांच पड़ताल के बसों का आवागमन जारी रहा. जब जिला कलक्टर जाकिर हुसैन से इन ववस्थाओं के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि लापरवाही बरतने वाले लोगो पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी.
ठेलों पर बिना मास्क के लोग लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ेंगे!
रियल्टी चेक के दौरान कई छोटे-छोटे बच्चे मिले, जोकि मास्क पहने हुए थे और लापरवाही बरतने वालों को वैश्विक महामारी से बचने के लिए संदेश दे रहे थे, तो वहीं बिना मास्क घूम रहे पुलिसकर्मियों और रोडवेजकर्मियों से मास्क का प्रयोग नहीं करने की बात पूछी गई तो कोई बहाना बनाता दिखा, तो किसी के पास कोई जवाब नही था. कुछ ने कैमरा देखते ही मास्क पहन लिया व भविष्य में बिना मास्क के घर से नहीं निकलने की बात कही. हालांकि, जिला मुख्यालय पर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ व बिना मास्क के लोगबाग आम देखे जा सकते हैं. वहीं, सरकारी कार्यालयों व धरने-प्रदर्शनो में तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की माजूदगी में कोरोना गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. अगर आमजन व प्रशासन इसी तरह लापरवाही व उदासीन रवैया इख्तियार रखेगा, तो वो समय दूर नही जब एक बार फिर कोरोना जिले में अपने पांव पसार सकता है. जिलावासियों पर ये वैश्विक महामारी फिर से भारी पड़ सकती है और प्रशासन को मजबूरन लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं.