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Published : Jul 24, 2019, 5:21 PM IST

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खसरा-रूबेला टीकाकरण के दौरान विवाद, ANM ने रोते हुए सुनाई अपनी व्यथा

हनुमानगढ़ में बच्चों को खसरा-रूबेला रोग से बचाने के लिए शुरू किए गए टीकाकरण अभियान में बुधवार को विवाद हो गया. विवाद के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी स्कूल संचालकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने टीकाकरण के समय उनसे दुर्रव्यवहार किया. साथ ही टीकाकरण करने से मना कर दिया.

हनुमानगढ़ में खसरा-रूबेला टीकाकरण के दौरान विवाद

हनुमानगढ़. शहर के एक निजी स्कूल में टीकाकरण के समय विवाद हो गया. ऐसे में कुछ देर के लिए टीकाकरण रोक दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब स्कूल संचालकों से टीकाकरण के लिए चार कमरे मांगे तो संचालक ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि स्कूल में मात्र दो कमरे हैं, उन्हें यूज कर लो.

हनुमानगढ़ में खसरा-रूबेला टीकाकरण के दौरान विवाद

जब विभाग की टीम ने कहा कि ऐसे में टीकाकरण सही ढंग से नहीं हो पाएगा. तो स्कूल संचालकों ने उनके साथ बदतमीजी की. वहीं एएनएम ने आरोप लगाया कि संचालक ने उनसे कहा कि वे लोग घर से लड़कर आए हैं और यहां आकर विवाद कर रहे हैं. अगर टीकाकरण करना है तो करो, नहीं तो यहां से चले जाओ. साथ ही उन्होंने मीडिया का भी धौंस दिखाया. साथ ही कहा कि मीडिया को बुलाकर उनका कवरेज करवाएंगे, जिससे स्वास्थ्य विभाग की टीम नाराज हो गई, टीकाकरण करने से मना कर दिया.

जब एएनएम ने रोते हुए...
इस मामले में एएनएम सोनम सुमन ने कहा कि स्कूल संचालक ने उनके साथ बहुत बदतमीजी की है. टीकाकरण में व्यवधान डाला है. ऐसे में अगर वे लोग टीकाकरण के लिए जाते हैं और वहां उनके साथ गल्त व्यवहार होता है तो कैसे सफल हो पाएगा टीकाकरण अभियान.

वहीं इस मामले के बारे में जब डिप्टी सीएमएचओ को पता चला तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और बीच-बचाव कर मामले को शांत करवाने की कोशिश की. लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हुई. एएनएम ने उन्हें साफ तौर पर कह दिया कि उनका पक्ष नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में वे यहां टीकाकरण नहीं कर सकतीं. वहीं सीएमएचओ ज्योति धींगड़ा का कहना है कि मिस अंडरस्टैंडिंग की वजह से कुछ बात हो गई थी. लेकिन मामला सुलझा लिया गया है.

मामले में स्कूल संचालक मलकीत सिंह मान ने कहा कि जिस तरह से एएनएम ने आरोप लगाए हैं. ऐसी कोई बात नहीं हुई, वह सब गल्त बात है. हालांकि कमरों के लिए कुछ विवाद जरूर हुआ था. सुबह ही एएनएम ने टीकाकरण करने से मना कर दिया था.

कहते हैं धुआ यूं ही नहीं उठता और जिस तरह से एएनएम रो-रोकर अपनी व्यथा बता रही है. उससे साफ है कि कहीं न कहीं उनके मान-सम्मान को ठेस अवश्य पहुंचाई गई है. जो सरकार टीकाकरण कर बच्चों को बीमारी से बचाने का प्रयास कर रही है. उसमें अगर ऐसे व्यवधान आएंगे तो कह सकते हैं कि ऐसे टीकाकरण सफल नहीं हो पाएगा. ऐसे में अब देखना होगा कि प्रशासन के पास यह बात पहुंचती है तो किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है.

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