हनुमानगढ़.जहां कोरोना वायरस के चलते आम आदमी का जीना दुर्भर हो रहा है. वहीं बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. इसका सबसे अधिक असर ऑटो, टैक्सी संचालकों और मध्यमवर्गीय लोगों पर पड़ा है. देश भर में राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में पेट्रोल-डीजल के दाम सबसे अधिक दाम हैं. लोगों का कहना है कि इसका कारण राजस्थान सरकार की ओर से सबसे अधिक टैक्स वसूली करना है. 2019 से अब तक पेट्रोल पर कुल 32 रुपए 84 पैसे और डजल पर 29 रुपए 37 पैसे दाम बढ़ाए गए हैं. अभी हनुमानगढ़ में पेट्रोल 108 रुपए 5 पैसे और डीजल 100 रुपए 83 पैसे मिल रहा है.
यह भी पढ़ें-खाचरियावास का BJP के आरोपों पर पलटवार, कहा- कोरोना काल में जो AC कमरे से बाहर नहीं निकले आज वो...
वहीं बढ़ते तेल इंधन के दामों को लेकर आए दिन प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस धरना-प्रदर्शन और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक कर रही है, लेकिन आमजन को धरातल पर इससे कोई राहत नहीं मिल रही है. इस बीच ऑटो चालक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि एक खेप में उन्हें 80 रुपए के तेल इधन खपत करना पड़ता है और भाड़े के रूप में मात्र 80 रुपए ही प्राप्त होता है. इसके चलते उनका बचत नहीं हो पता है. उन्होंने कहा कि आमजन को ध्यान में रखते हुए सरकार को पेट्रोल-डीजल के दाम कम करना चाहिए.
वहीं आमजन पृथ्वी खीचड़ का कहना है कि गहलोत सरकार को पंजाब और हरियाणा के तर्ज पर पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करना चाहिए और और आम जनता को राहत देना चाहिए. उनका कहना है कि हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर का क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां बढ़ते तेल इधन के दाम की मार सबसे अधिक किसानों पर पड़ रही है.