हनुमानगढ़.जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती संदिग्ध रोगी की कोरोना जांच रिपोर्ट आने से पहले मौत होने का मामला बुधवार को गरमा गया. दम तोड़ने वाले टाउन में राजा कोठी के पास मंदिर के पुजारी के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने राजकीय जिला चिकित्सालय में धरना शुरू कर दिया.
जिला अस्पताल पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप इस दौरान वहां मौजूद मृतक पुजारी संदीप शर्मा की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. धरने के दौरान जब पीएमओ वार्ता करने के लिए मौके पर आए तो मृतक की पत्नी ने पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा के पैर पकड़ लिए और फूट-फूटकर रोने लगी.
बता दें कि सांस की दिक्कत आने पर पुजारी संदीप शर्मा को उनके परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था. अस्पताल प्रशासन ने मृतक को कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया. लेकिन एडमिट करने बाद सार-संभाल नहीं की. वहीं, संदीप को सांस की काफी दिक्कत हुई तो उसने डॉक्टर हेमंत शर्मा को कॉल किया. लेकिन डॉक्टर का फोन बंद आ रहा था, जिस पर संदीप ने डॉक्टर को वाट्सअप पर मैसज भी किए.
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इतना ही नही संदीप ने मरने से पहले आखरी प्रयास करते हुए डॉक्टर को वाट्सअप पर वाइस रिकॉर्ड भेजा, जिसमें उसने ऑक्सीजन की समस्या की बताई. लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा और आखिरकार उसकी मौत हो गई. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने मामले को रफा-दफा करने के लिए उसके परिजनों को कोरोना भय दिखाकर पीपीई किट में बॉडी डालकर दे दी.
साथ ही शीघ्र ही दाह संस्कार करने की सलाह दी, जिस पर परिजनों ने चिकित्सकों की सलाह मानकर दाह संस्कार कर दिया. लेकिन जब उन्होंने संदीप का मोबाइल खंगाला तो परिजनों को उसमें, संदीप की डॉक्टरों को इलाज के लिए गुहार लगाते हुए ऑडियो क्लिप और चैट मिली, जिस पर गुस्साएं परिजनों और भाजपा नेता देवेंद्र पारीक ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. साथ ही लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की मांग की.
पूर्व में भी जिला अस्पताल के डाक्टर्स और स्टाफ पर मरीजों के इलाज में लापरवाही और उनसे दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लग चुके है. लेकिन कभी भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. जब इस पूरे मसले पर पीएमओ एमपी शर्मा से बात की तो उन्होंने जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
हालांकि, धरनास्थल पर माजूद नेताओं और परिजनों ने पीएमओ से 3 दिन में जांच के साथ आर्थिक मदद के आश्वासन के पश्चात धरना तो समाप्त कर दिया. लेकिन चेतावनी भी दी कि अगर तीन दिनों में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से उग्र आंदोलन करेंगे.