हनुमानगढ़. अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की जमीन एक्वायर कर रही है लेकिन उन्हें जो इसके बदले मुआवजा दिया जा रहा है वह मुआवजा काफी कम है. गौरतलब है कि किसानों के खेतों से अमृतसर से जामनगर तक के लिए एक्सप्रेसवे निकालने की योजना चल रही है और पत्थलगड़ी करके जगह चिन्हित की गई है. किसानों को इस भूमि के बदले मिलने वाले मुआवजे आदि के बारे में कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है जिसके चलते किसानों में असमंजस भी बना हुआ है. किसानों का कहना है कि किसानों की जमीन की डीएलसी रेट के हिसाब से मुआवजा राशि देने की योजना चल रही है जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगी.
NH-754 एक्सप्रेसवे बनने से किसान परेशान, क्या कहा सुनिये - राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे
गांव जाखड़ावाली और अन्य कई गांवों के किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं. उनकी परेशानी का कारण है पंजाब के अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे. इन किसानों का आरोप है कि इस हाईवे को बनाने के लिए किसानों की जमीन एक्वायर की जा रही है. इसके बदले उन्हें जो मुआवजा दिया जा रहा है वह काफी कम है.
किसानों ने मार्केट रेट के आधार पर मुआवजा जारी करने की मांग की है उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा और मांग की उन्हें अगर उचित मुआवजा दिया गया तो ही अपनी जमीन देंगे नहीं तो नहीं देंगे. किसानों के साथ भादरा के कामरेड विधायक बलवान पूनिया ने भी जिला कलेक्टर से मुलाकात की और मांग की किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए नहीं तो उसके लिए आंदोलन भी कर सकते हैं और अगर यह मुद्दा विधानसभा में उठाना पड़ा तो उठाएंगे लेकिन किसानों को उचित मुआवजा दिलवा कर रहेंगे.
इस मामले को लेकर पहले भी किसानों के साथ कई बार बैठक हो चुकी है और किसानों को आश्वासन दिया जाता रहा है कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब किसानों को ज्यादा चिंता है क्योंकि यह मुआवजा दो चार दिनों में ही दिया जाएगा और उन्हें पता है कि मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है.