पीलीबंगा (हनुमानगढ़).महिला की हत्या और फिर उसके बाद दुष्कर्म. यह इतना घिनौना मामला था कि कोर्ट ने दोषी पर जरा भी तरस नहीं खाया और फांसी की सजा (death penalty for the culprit ) सुना दी. पीलीबंगा थाना पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाई. एफआईआर दर्ज होने के सात दिन के भीतर ही चालान पेश कर दिया था.
न्यायालय ने चालान पेश होने के 66 दिन के भीतर सुनवाई पूरी की और आज दोषी को फांसी की सजा सुना दी. राज्य की ओर से लोक अभियोजक उग्रसैन नैण ने पैरवी की. प्रकरण के अनुसार 16 सितम्बर को 60 साल की विधवा के देवर ने पीलीबंगा थाने में हत्या और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. उसने पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसके भाई की तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है तथा भाभी घर में अकेली रहती थी. उसके कोई संतान नहीं थी.
रिपोर्ट में परिवादी ने बताया कि भाभी 15 सितम्बर की रात करीब साढ़े दस बजे उनके घर आई और कहा कि आरोपी थोड़ी देर पहले घर में घुस आया था, वह गलत नीयत से छेड़छाड़ करने लगा. उसे धमकाया तो वह उसका मोबाइल फोन उठाकर भाग गया. भाभी ने आरोपी से अपना मोबाइल फोन दिलवाने की बात कही. रात का समय होने के कारण अगली सुबह मोबाइल फोन दिलवाने का भरोसा दिलाया. घर में भैंस व अन्य मवेशी बंधे होने के कारण उनकी रखवाली के लिए भाभी अपने घर चली गई.