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हनुमानगढ़ : अधर में लटके सड़क निर्माण को लेकर वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने - हनुमानगढ़ सड़क निर्माण मुद्दा

हनुमानगढ़ की संगरिया तहसील में पिछले लंबे समय से संगरिया-अबोहर सड़क टूटी पड़ी हुई है. इस मुद्दे को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह बराड़ और वर्तमान भाजपा विधायक गुरदीप शाहपिणी में जुबानी जंग और बयानबाजी शुरू हो गई.

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वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

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Published : Jun 25, 2020, 7:30 PM IST

हनुमानगढ़. जिले की संगरिया तहसील में पिछले लंबे समय से संगरिया-अबोहर सड़क क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को लंबे समय से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण लंबे समय से सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं.

इस मुद्दे को ETV भारत ने प्रमुखता से उठाया था. हर पहलू पर ग्रामीणों और अधिकारियों से बात की. इस दौरान संगरिया के विधायक ने गुरदीप शाहपिणी ने राजस्थान सरकार पर बजट उपलब्ध नहीं करवाने का आरोप लगाया और कहा कि बजट की समस्या की वजह से ही सड़क का निर्माण कार्य रूका हुआ है.

वर्तमान और पूर्व विधायक आमने-सामने

विधायक का कहना है कि संगरिया विधानसभा के अन्य विकास कार्यो पर भी ब्रेक लगे पड़े है. उन्होंने ये मुद्दा विधानसभा सभा में भी उठाया था. जिसके जवाब में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पत्र लिख कर बजट की कमी का हवाला दिया था.

वहीं PCC सदस्य और पूर्व कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह बराड़ ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़क निर्माण को लेकर ज्ञापन सौंपा है. उनका है कि सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

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खास बात यह है कि सार्वजनिक विभाग ने सड़क निर्माण का ठेका हेमराज मैसर्स को दिया था. जिसके बाद वहां एक सूचना बोर्ड लगाया गया है जिस पर यह दर्शाया गया है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 75 लाख रुपए की लागत से बन रही इस सड़क का निर्माण कार्य 4 जुलाई 2019 में पूरा होगा. बावजूद इसके अब तक सड़क नहीं बन पाई है.

सार्वजनिक निर्माण के विभाग के अधीक्षण अभियंता गुरनाम सिंह से बात की थी तो उनका कहना था कि सरकार से इस सड़क निर्माण की दोबारा स्वीकृति मांगी गई है. जब आदेश होंगे, तब सड़क बन जाएगी.

कहते हैं सत्ता और शासन बदलते ही परस्थियां भी बदल जाती हैं. आमजन एक बार फिर मांगे मनवाने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाता है. कमोबेश संगरिया तहसील सहित पूरे जिले की बात करें तो पिछली भाजपा सरकार में शुरू हुए अधिकतर छोटे-बड़े कार्यो को कांग्रेस ने सत्ता में आते ही रोक दिया है. यही हाल काफी वर्षों से टूटी-फूटी इस सड़क के प्रोजेक्ट का हुआ है. इसके कारण किसानों को फसल लाने ले जाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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वहीं बीमार व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को लाने ले जाने में भी बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर ग्रामीण ने सड़को पर थाली और ताली बजाकर सड़क निर्माण की मांग की थी. अब देखने वाली बात होगी की मामले में दो राजनैतिक दिग्गज आमने-सामने होने के बाद सड़क निर्माण का श्रेय लेने वास्ते सड़क कार्य शुरू होता है या सिर्फ मामला राजनैतिक रंग लेकर एक बार फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.

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