हनुमानगढ़. नगर परिषद में भ्रष्टाचार के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. लेकिन नगर परिषद का भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं लेता. अब जो मामला सामने आया है, वो जिला कलेक्ट्रेट के बिल्कुल सामने का है. यहां एक बड़ा नाला बनाया गया जो कि एक बरसात के बाद ही टूट गया. इस निर्माण कार्य का जब हमने जायजा लिया तो मिस्त्री ने भी स्वीकार किया कि ठेकेदार ने नाले के साइड में मिट्टी डालने से मना किया था. जिसकी वजह से यह नाला टूट गया और वहीं जो अब यह द्वारा नाला बनाया जा रहा है उसमें सीमेंट बजरी की जगह मिट्टी अधिक मिलाई जा रही है.
हनुमानगढ़ नगर परिषद में भ्रष्टाचार की बू, एक बारिश भी नहीं झेल पाया 15 दिन पहले बना नाला - हनुमानगढ़ में नाला निर्माण में भ्रष्टाचार
हनुमानगढ़ नगर परिषद को भ्रष्टाचार का गढ़ कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. जी हां भ्रष्टाचार का जीता जागता नमूना देखने को मिला है जिला कलेक्ट्रेट के सामने नाला निर्माण में. जहां कुछ दिन पूर्व जो नया नाला बनाया गया था. वह एक बरसात के बाद भी टूट गया. इसके बाद ठेकेदार को इसे दोबारा बनाना पड़ा. दोबारा बनाते समय भी सीमेंट की जगह मिट्टी लगाई जा रही थी. जिसको ईटीवी भारत के कैमरे में साफ देखा जा सकता है.
![हनुमानगढ़ नगर परिषद में भ्रष्टाचार की बू, एक बारिश भी नहीं झेल पाया 15 दिन पहले बना नाला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-3857151-thumbnail-3x2-hanu.jpg)
जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाले में जो सामग्री लगाई जा रही है. वह निम्न स्तर की है साफ शब्दों में एक दम घटिया है. हैरानी की बात यह है कि जिला कलेक्टर के सामने है. यहां सरेआम जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. वहीं इस मामले में नगर परिषद के आयुक्त का कहना है कि वह जांच करवा चुके हैं. उनके पास AEN, JEN जैसी बड़ी टीम है. जो की जांच करते हैं. साथ ही उन्होंने कबूला कि हां बरसात की वजह से नाला टूटा है.
अब इस भ्रष्टाचार को नाला खुद बयां कर रहा है कि जो एक बरसात में उखड़ कर टूट गया. अंदाजा लगाया जा सकता कि इसमें सामग्री किस स्तर की लगाई गई होगी. हालांकि आयुक्त महोदय स्वीकार भी कर रहे हैं कि बरसात के कारण नाला टूट गया तो अगर सामग्री बढ़िया लगी होती तो बरसात को नाला झेल सकता था. लेकिन एक बरसात के बाद नाला टूटा है.