हनुमानगढ़. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार को मक्कासर से हनुमानगढ़ तक पैदल मार्च निकाला गया. जनवादी महिला मोर्चा हनुमानगढ़ की सैंकड़ों सदस्यों ने कृषि कानून को काला कानून बताया, साथ ही कानून को वापस लेने की मांग की. यह मार्च मक्कासर से निकल कर हनुमानगढ़ जंक्शन के भगत सिंह चौक तक 10 किलोमीटर लंबा था. इसके बाद भगत सिंह चौक पर एक सभा का आयोजन किया गया.
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार को मक्कासर से हनुमानगढ़ तक पैदल मार्च निकाला गया जनवादी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकला वर्मा और नेत्री कमला मेघवाल ने संबोधन करते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी. चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार शीघ्र इस काले कानून को वापस नहीं ली तो दिल्ली कूच करेंगे और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे.
पढ़ें-हनुमानगढ़ के इस हनुमान को सरकारी 'संजीवनी' का इंतजार, खराब हैं दोनों किडनी
जहां एक तरफ कृषि कानून का विरोध हनुमानगढ़ में जोर पकड़ रहा है, वहीं स्वयं प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और भाजपा पार्टी का पूरा अमला गांव-गांव, शहर-शहर जाकर किसानों को कानून के फायदे गिना रहे हैं. साथ ही विपक्ष पर गुमराह करने के आरोप लगा रहे है. अब राजस्थान सरकार भी भाजपा के इस संवाद और चौपालों की काट करने के लिए पूरी तरह से आंदोलन में कूद चुकी है.
अपने प्रतिनिधियों को हर जिले में किसानों से संवाद कर इन कानूनों के कुप्रभाव बताने की कवायद में लग चुकी है. अब देखने वाली बात होगी कि कब तक और किस स्तर पर किसानों और सरकार के बीच सहमति बनती है. हलांकि केंद्र सरकार इन कानूनों को वापिस लेने के मूड में बिल्कुल नहीं दिख रही है.