हनुमानगढ़. एनजीटी की ओर से हाल ही में निर्देश दिए गए थे कि लाल ईंटें बंद की जानी चाहिए. इस आदेश के बाद ईंट भट्ठा संचालकों में खलबली मची हुई है. उनका कहना है कि अगर लाल ईंटें यहां बननी बंद हो जाएंगी तो सभी ईंट भट्टे भी बंद हो जाएंगे और उनसे जुड़े सैकड़ों परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी. मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण की दृष्टि से फरवरी महीने में आदेश निकाले हैं कि ईंट भट्टों पर बनने वाली लाल इंटों को प्रतिबंध किया जाए. इससे पर्यावरण दूषित हो रहा है और थर्मल में जो कोयले की राख बचती है, उससे ईंटे बनाई जाए. जिससे ईंट भट्ठा संचालकों में घबराहट है.
इस आदेश को लेकर ईंट भट्ठा मालिकों में खलबली, कहा- इससे तो लाखों हो जाएंगे बेरोजगार - ईंट भट्ठा
लाल ईंट पर पूरी तरह से प्रतिबंध के आदेश जारी किए जाने के साथ ही ईंट भट्ठा संचालकों में खलबली मची हुई है. उनका कहना है कि अगर लाल ईंट यहां बननी बंद हो जाती है तो सैकड़ों भट्टे बंद हो जाएंगे और लाखों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे.
उनका कहना है कि थर्मल की राख उपलब्ध नहीं हो पाती है और उसे बनाने में खर्चा भी ज्यादा आता है. उन्होंने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि जो लाल ईंटों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश निकाले गए हैं, वो वापस लेने चाहिए. क्योंकि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले में हजारों ईंट भट्टे हैं और उनसे लाखों मजदूर जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि आदेश वापस नहीं लिए जाते है तो ये ईंट भट्टे बंद हो जाएंगे और मजदूरों के परिवारों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति आ जाएगी.
हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर इलाके में ऐसे सैंकड़ों ईट भट्टे हैं जो कि चिकनी मिट्टी से लाल ईंटें तैयार करते हैं, उन इंटों में लागत कम आती है और आदेशों के बाद जो थर्मल की राख से इंटें बनाई जानी है, वह नहीं बन सकेंगी और ईंट भट्टे निश्चित तौर पर बंद हो जाएंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार अपना निर्णय वापस लेती है या नहीं.