राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

राजस्थान की 'स्टीफन हॉकिंग' हैं अनुराधा बुडानिया...शरीर से दिव्यांग लेकिन दिमाग से आइंस्टीन - राजस्थान की 'स्टीफन हॉकिंग' के नाम से चर्चित अनुराधा बुडानिया

दुनिया के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा. ब्लैक होल्स पर असाधारण रिसर्च करके इन्होंने दुनियाभर को चौंका दिया था. इनके शरीर में सिर्फ ​दिमाग को छोड़कर बाकी पूरा हिस्सा दिव्यांग था. कुछ ऐसी ही कहानी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की अनुराधा बुडानिया की है. उनके भी दिमाग को छोड़कर पूरा शरीर दिव्यांग है. यही वजह है कि इन्हें राजस्थान की 'स्टीफन हॉकिंग' कहा जा रहा है.

Anuradha Budania known as stephen hawking, हनुमानगढ़ की अनुराधा बुडानिया की ताजा खबर
हनुमानगढ़ की दिव्यांग बेटी अनुराधा बुडानिया सम्मानित

By

Published : Feb 17, 2021, 10:53 PM IST

हनुमानगढ़.कहते हैं ना कि भगवान जब किसी से कुछ छीनता है तो उसके बदले में उसे कोई खास हुनर भी देता है. कुछ ऐसा ही हुआ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की बेटी से साथ. जिले की अनुराधा बुडानिया शरीर से पूरी तरह दिव्यांग हैं, सिर्फ दिमाग काम करता है. शरीर का बाकी हिस्सा काम नहीं करने के बावजूद उन्होंने कभी अपनी इस कमी को लक्ष्य के आड़े नहीं आने दिया और अपनी प्रतिभा के दम पर प्रदेश सरकार के गार्गी पुरस्कार से सम्मानित हुईं.

पढ़ें:जयपुर की मान्वी गौतम ने अखबारों से बनाई डॉल, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

21 वर्षीय अनुराधा मूलरूप से राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव नथवाना की रहने वाली हैं. इन्होंने 12वीं परीक्षा परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. नतीजतन इन्हें राजस्थान सरकार के गार्गी पुरस्कार से नवाजा गया है. हनुमानगढ के गांव नथवाना की रहने वाली अनुराधा बुडानिया को लोग ‘लेडी स्टीफन हॉकिंग’ भी कहकर बुलाते हैं. 21 वर्षीय अनुराधा का मस्तिष्क छोड़कर शरीर का कोई भी हिस्सा काम नहीं करता है. इतनी मुश्किलों के बावजूद अनुराधा 12वीं कक्षा में 85% अंकों के साथ पास हुई हैं.

पढ़ें:Exclusive : 67 की उम्र में 360 किलोमीटर साइकिल चलाकर रावतसर से CMR पहुंचा बुजुर्ग...यह है मांग

अनुराधा को उनके स्कूल ने इस उपलब्धि के लिए ‘गार्गी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया है. अनुराधा संगरिया के राजकीय बालिका स्कूल से पढ़ाई कर रही थीं. पुरस्कार लेने के लिए भी अनुराधा को उनकी मां गोद में लेकर स्टेज पर पहुंची थीं. एसडीएम रमेश देव, पालिका अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिद्धू ने घुटनों के बल बैठकर अनुराधा को माला और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया.

कक्षा 8 तक घर पर ही हुई पढ़ाई

अनुराधा ने बताया कि दिव्यांग होने की वजह से कक्षा 8 तक उनकी पढ़ाई घर पर ही हो रही थी. उनके हाथ-पांव और कमर भी काम करने में सक्षम नहीं है. इसलिए वे अपनी किताब भी नहीं उठा पाती हैं. उनके माता-पिता ही उन्हें पढ़ाई में काफी मदद करते हैं. अनुराधा ने 10वीं में भी 78.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. अनुराधा ने बताया कि मुझे स्कूल की छात्राओं ने कभी जाहिर नहीं होने दिया कि मैं दिव्यांग हूं. दो मई 2020 को पिता सुरेंद्र बुडानिया की मौत के बाद मां सरोज बुडानिया ही मेरा ख्याल रखती हैं. अनुराधा का सपना है कि वे आईएएस बनकर देश की सेवा करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details