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मदद मांगती सांसें : गहलोत सरकार की किसी योजना में नहीं इस बच्चे की बीमारी का इलाज, पिता ने मांगी 'इच्छामृत्यु'

हनुमानगढ़ जिले के रावतसर का एक बच्चा अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी से पीड़ित है. जिसके इलाज पर लाखों रूपये का खर्च आना है लेकिन उसे किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही. ऐसे में बच्चे के पिता ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है.

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Published : Dec 11, 2019, 11:58 PM IST

हनुमानगढ़.जिले के रावतसर का रहने वाला 14 वर्षीय हर्ष पिछले कई सालों से गंभीर बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित है. इस बीमारी के चलते उसके बार बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. लेकिन अब चिकित्सकों ने हर्ष की चिंता को और बढ़ा दिया है. हर्ष को अब जल्द ही बोन मेरो ट्रांसप्लांट करवाना होगा. जिसके लिए उसे करीब 14 लाख रुपए खर्च करने होंगे.

प्रदेश में बच्चों की गंभीर बीमारी का इलाज निशुल्क होता है. लेकिन हर्ष को जो बीमारी है, अप्लास्टिक एनीमिया सरकार की किसी भी योजना में शामिल नहीं है. वहीं, एसएमएस हॉस्पीटल ने हर्ष के इलाज पर जो खर्च बताया है उसे वहन करने में सक्षम नहीं है. हर्ष के पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. यही वजह है कि हर्ष की पढ़ाई भी सरकारी स्कूल में हो रही है.

बेटे के इलाज के लिए नहीं पैसे, पिता ने राष्ट्रपति से मांगी 'इच्छामृत्यु'

इस बीमारी के चलते हर्ष के पिता अपनी सारी जमा पूंजी अब तक के इलाज में खर्च कर चुके हैं. खुद को अहसहाय मान अब हर्ष के पिता ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु की मांग की है. उन्होंने इस ज्ञापन में कहा है कि यां तो उनके बेटे का निशुल्क इलाज कराया जाए, अन्यथा उन्हें इच्छामृत्यु दी जाए.

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ऐसा नहीं है कि हर्ष के इलाज को लेकर कोई मदद नहीं मिल रही. मदद मिल जरूर रही है लेकिन वो इतने बड़े खर्च के आगे नाकाफी नजर आ रही है. हर्ष जिस सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत है उस विद्यालय की प्रिंसीपल अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं. उनका कहना है कि सरकार की किसी भी योजना में हर्ष की इस बीमारी का निशुल्क इलाज संभव नहीं है. ऐसे में उनकी सरकार से गुहार है कि वो आगे आए और मदद करे.

वहीं दूसरी ओर मजदूर परिवारों के इलाज और उनकी मदद के लिए सरकार द्वारा औद्योगिक ईकाईयों पर टैक्स लगाए जाते हैं. लेकिन मजदूर होने के बावजूद हर्ष के पिता किसी कारणवश खुद का पंजियन श्रम विभाग में नहीं करवा पाए. ऐसे में श्रम विभाग की ओर से दी जाने वाली सुविधा से भी हर्ष को महरूम ही रहना पड़ रहा है.

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खुद हर्ष ने भी मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को गुहार लगाई है कि उन्हे जल्द से जल्द सरकार इलाज मुहैया करवाए. ताकि उसकी जान बच सके. दूसरी तरफ हर्ष के पिता द्वारा राष्ट्रपति के नाम लिखे इच्छामृत्यु के पत्र पर अतिरिक्त जिला कलक्टर अशोक असीजा ने हनुमानगढ़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बीमारी की रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने इस मामले को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन बच्चे के पिता को दिया है.

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