SPECIAL: राजस्थान में 40 से 50 साल के व्यक्ति भी फर्जी तरीके से ले रहे हैं वृद्धा पेंशन का लाभ, प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई
सरकार की ओर से बुजुर्गों की मदद के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिसमें से एक है बुजुर्ग पेंशन योजना भी है. राजस्थान में वृद्धा पेंशन युवक गलत तरीके से ले रहे हैं. 40 से 50 साल की उम्र के लोग भी दस्तावेजों में हेरफेर कर वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं. ई-मित्र से लेकर पंचायत स्तर तक मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है.
राजस्थान में 40 से 50 साल के युवक भी फर्जी तरीके से ले रहे हैं वृद्धा पेंशन का लाभ
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Published : Sep 15, 2020, 10:30 PM IST
डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 58 साल हो चुकी है उनकी मदद के लिए सरकार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई जा रही है. इसमें महिला की उम्र 55 वर्ष और पुरुष की उम्र 58 वर्ष पूरी होने पर सरकार की ओर से नियमानुसार पेंशन देय है. बुजुर्ग अपना भरण-पोषण या गुजारा कर सके इसलिए यह योजना चलाई जा रही है. वृद्धावस्था पेंशन के लिए आधार, जनआधार और भामाशाह कार्ड जैसे दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जाता है और फिर आवेदन की जांच के बाद पेंशन मिलती है.
राजस्थान में 40 से 50 साल के युवक भी फर्जी तरीके से ले रहे हैं वृद्धा पेंशन का लाभ
लेकिन इस प्रक्रिया के बावजूद कई लोग दस्तावेजों में हेरफेर कर पेंशन लेने में कामयाब हो जाते हैं. ऐसे ही मामले में डूंगरपुर जिले में उजागर हुए है जहां 40 से 50 साल के बीच के लोग भी पेंशन का लाभ ले रहे हैं. इन लोगों ने फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किये या करवाये जिससे वे पिछले कई सालों से पेंशन का लाभ ले रहे है. जिले के गामड़ी देवल, माडा, थाणा और छापी गांव में ऐसे कई मामले पाए गए हैं. डूंगरपुर जिले में 1 लाख 64 हजार वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी है जिन्हें राज्य और केंद्र सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाती है.
डूंगरपुर में किस ब्लॉक से कितने वृद्धावस्था पेंशनधारी-
आसपुर
16998
2.
बिछीवाड़ा
18972
3.
चिखली
11042
4.
दोवड़ा
13684
5.
डूंगरपुर
15414
6.
गलियाकोट
13777
7.
झोथरी
12312
8.
साबला
16954
9.
सागवाड़ा
25279
10.
सीमलवाड़ा
16158
अब तक 8 मामले फर्जी मिले हैं- जिले के गामड़ी देवल गांव में 8 लोगों के नाम सामने आए हैं जहां फर्जी तरीके से पेंशन का लाभ लोग ले रहे हैं. गामड़ी देवल निवासी गंगा खटीक (उम्र 53 साल), सीता पटेल (उम्र 40 साल), माया पटेल (उम्र 38 साल), बदी पटेल ( उम्र 42 वर्ष), शीला पटेल (उम्र 38 वर्ष), गंगा दला पटेल ( उम्र 53 वर्ष), गंगा वेला पटेल (उम्र 48 वर्ष) और हंतोक पटेल ( उम्र 43 वर्ष) है. लेकिन ये अपात्र होते हुए भी दस्तावेजों में हेरफेर कर वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठा रहे हैं.
जिलाकोष कार्यालय पेंशन भवन
ई-मित्र से लेकर पंचायत स्तर पर भी घोटाला-वृद्धावस्था पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है जिसमें राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड, जन आधार कार्ड और भामाशाह कार्ड को ऑनलाइन पोर्टल के जरिये आवेदन किया जाता है. इन्ही दस्तावेजों में हेरफेर कर उम्र को बढ़ा दिया जाता है. कई ई-मित्र संचालक भी गड़बड़ी में शामिल हैं. ई मित्र के माध्यम से उनकी उम्र को बढ़ा दिया जाता है जिससे कि आवेदन पत्र रिजेक्ट नहीं हो फिर पंचायत स्तर पर जांच में भी मिली भगत के कारण वह आवेदन स्वीकृत हो जाते हैं और फिर पेंशन मिलने लगती हैं.
घर के बाहर बैठी बुजुर्ग महिलाएं
ई-मित्र संचालकों के खिलाफ जांच-मामले को लेकर ईटीवी भारत ने जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव से बातचीत की तो बताया कि मामले में ई-मित्र संचालकों की मिली भगत से दस्तावेजों में गड़बड़ियां हुई हैं जिसकी जांच की जा रही है. इस मामले में गामड़ी देवल निवासी सुनील पटेल, कपिल पटेल, माडा निवासी हरीश पटेल, जयंतीलाल पटेल, कचरूलाल पटेल, छापी निवासी सुनील पटेल, थाणा निवासी दिनेश गमेती के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. मामले में यह भी सामने आया है कि इसके एवज में ई-मित्र संचालक 2 से 5 हजार तक प्रत्येक लाभार्थी से वसूली करते हैं.
कलेक्टर-एसपी से शिकायत के बाद जांच शुरू- जिले के गामड़ी देवल, माडा, थाणा और छापी गांव से कई लोगों ने फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर युवाओं द्वारा वृद्धावस्था पेंशन उठाने के मामले की शिकायत कलेक्टर व एसपी से की गई. इसके बाद एसपी के निर्देश पर सदर थाने में अपात्र लाभार्थियों के साथ ही ई-मित्र संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज कर जांच की जा रही है. इसमें पुलिस की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से पेंशन लाभार्थियों का रिकॉर्ड और आवेदन के समय दिए गए दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं जिसमें और भी कई खुलासे होने की संभावना है.
आदिवासी जिले डूंगरपुर में अभी तक 4 पंचायतों में फर्जी पेंशन उठाने के मामले सामने आ चुके हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसी हालत ज्यादातर गांवों की है जहां फर्जी तरके से लोग पेंशन का लाभ ले रहे हैं. अगर सभी गांवों में इस तरह से जांच की जाए तो सैकड़ों फर्जीधारी लोग सामने आएंगे. हालांकि, कुछ मामले संज्ञान में आने के बाद प्रशासन कार्रवाई में जुटा है ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही और ऐसे कई मामले निकलकर सामने आएंगे.