डूंगरपुर.राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित जनजाति बाहुल्य जिला डूंगरपुर. 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 13 लाख 88 हजार है. गुजरात राज्य से सटा होने के कारण बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग गुजरात में मजदूरी और अन्य काम करता है. देश और दुनिया मे कोरोना वायरस की महामारी का प्रकोप फैला तो 22 मार्च को देश मे जनता कर्फ्यू लगा दिया. प्रदेश में इसी दिन से लॉकडाउन कर दिया और अगले एक दिन बाद ही 24 मार्च से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू हो गया.
बता दें, कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार, प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग और सरकारी महकमा कोरोना वायरस की महामारी की रोकथाम में जुट गया है. देश और प्रदेश में बॉर्डर सीमाएं सील कर दी गई है. विदेशों में रोजगाररत लोग पहले ही देश लौट आए. जिले में विदेशों से करीब 700 से ज्यादा लोग पंहुचे. वहीं, लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में कामगार लोग बेरोजगार हुए तो वह भी घरों की ओर लौटने लगे.
इसी दरमियान 24 मार्च को इंदौर से निकले पिता और पुत्र अगले दिन आसपुर थाना क्षेत्र के गांव में स्थित अपने घर पहुंचे तो उन्हें सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार की शिकायत होने लगी. अगले ही दिन 26 मार्च को दोनों पिता-पुत्र आसपुर अस्पताल पहुंचे, जहां कोरोना संदिग्ध होने पर डूंगरपुर जिला अस्पताल रेफर किया. सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए और अगले ही दिन दोनों की कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट सामने आई तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और इसी दिन से प्रशासन की दौड़-भाग ओर मशक्कत भी बढ़ गई.
पालना, कर्फ्यू और लगातार मॉनिटरिंग से मिली सफलता: कलेक्टर काना राम...
जिला कलेक्टर कानाराम ने कोरोना वायरस की महामारी निपटने के 4 प्रमुख कारण गिनाए. कलेक्टर कानाराम ने बताया, कि जैसे ही 27 मार्च को आसपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक ही परिवार के पिता-पुत्र में कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई तो तुरंत प्रभाव से गांव में कर्फ्यू लगा दिया गया. पॉजिटिव आये परिवार के लोगों को भी संदिग्ध मानते हुए उन्हें क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन में रखा गया. आसपास के 5 किमी के क्षेत्र को कंटेंटमेन्ट जोन और बफर जोन में बांटकर सर्वे करवाई गई. इसके 3 दिन बाद ही उसी परिवार का बुजुर्ग दादा भी कोरोना पॉजिटिव आया तो अलर्ट और बढ़ाया.
परिवार का एक अन्य 11 वर्षीय बालक में भी लक्षण होने से उसे भी आइसोलेशन में रखा. पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन 6 अप्रैल को आई दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव हो गई. उसी दिन सीमलवाड़ा क्षेत्र के एक तबलीगी जमात के युवक में भी कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई तो सीमलवाड़ा क्षेत्र में भी कर्फ्यू के साथ सख्ती बढ़ाई और सर्वे करवाया. जांच में तबलीगी जमात से 36 लोगों के आने की सूचना के बाद सभी लोगों की चिन्हित करते हुए उनके सैंपल लिए. यही प्रमुख कारण रहा की 5 कोरोना पॉजिटिव के बाद कोई नया केस नहीं आया और सोमवार को 5 केस भी नेगेटिव हो गए है.
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