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स्पेशल रिपोर्टः डूंगरपुर में बढ़ रहा सड़क हादसों का ग्राफ, ढाई साल में 534 की मौत

डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले ढाई साल में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है. वहीं, प्रशासन इन बढ़ते हादसों के पीछे कई कारण बता रहा है. साथ ही डूंगरपुर पुलिस इन आंकड़ों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.

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Published : Oct 29, 2019, 9:48 AM IST

डूंगरपुर.प्रदेश में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. सड़क सुरक्षा को लेकर वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए प्रशासन की ओर से कई नवाचार किए गए हैं, बावजूद इनके प्रदेश के डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिले में लोग खस्ताहाल सड़कों और अपनी लापरवाही की वजह से सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं. वहीं, कई सड़क हादसे इतने भयानक होते हैं कि चालकों और सवारियों की जान तक चली जाती है.

सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा

जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले ढाई साल में 1100 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें 534 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे और ग्रामीण इलाकों में भी सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है. हालांकि, प्रशासन और डूंगरपुर पुलिस इन आंकड़ों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. जिसमें पुलिस प्रशासन को कुछ हद तक सफलता भी हाथ लगी है. वहीं, अगर ढाई साल के आंकड़ों पर गौर करें तो आंकड़े डरावने हैं.

डूंगरपुर में सड़क हादसों का आंकड़ा

जिले में ये हैं खतरे के मोड़ या स्पॉट

जिले में सड़क दुर्घटनाओं और हादसों में मौतों के आंकडों को देखते हुए पुलिस महकमे ने जिले में 17 क्षेत्रों को गंभीर दुर्घटना क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया हैं. जिसमें से 11 दुर्घटना क्षेत्र तो सिर्फ नेशनल हाईवे 8 पर ही हैं. जबकि जिले की सीमा में नेशनल हाईवे का मात्र 40 किमी का हिस्सा ही आता है. वहीं, स्टेट हाईवे पर बड़ौदा, गोल, रायकी, खोती, बलवाड़ा और करौली घाटी में अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

इन वजहों से ज्यादा होते हैं सड़क हादसे

जिले में हो रहे सड़क हादसों के कारणों को लेकर पुलिस प्रशासन इसके पीछे कई वजह बताता है. डूंगरपुर एसपी के अनुसार सड़क निर्माण में तकनीकी खामियां, वाहन चालकों का लापरवाही के साथ गाड़ी चलाना, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड, शराब पीकर वाहन चलाना, बिना सीट बेल्ट बांधे वाहन चलाना, बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चालना और सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन नहीं करने से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. यही वजह है कि इन नियमों की अनदेखी के चलते ही सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है.

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  • हादसों को रोकने के लिए पुलिस कर रही ये प्रयास

जिले में बढ़ते सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से प्रयास भी किए जा रहे हैं. एसपी जय यादव ने बताया कि पुलिस महकमे की ओर से चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉटों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाइ गई है. वहीं, चालकों को जागरूक करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

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सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत स्कूलों में जाकर स्कूली बच्चों को जागरूक किया जा रहा है. इस जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चों को बिना लाइसेंस और शराब पीकर वाहन नहीं चलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही अपने अभिभावकों को भी इस बारे में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके अलावा थाना स्तर पर होने वाली सीएलजी की बैठकों में भी आम लोगों को रोड सेफ्टी को लेकर जानकारियां दी जा रही है. एसपी ने बताया कि जागरूकता कार्यक्रमों का ही असर है कि पिछले ढाई माह में हम सड़क हादसों में कमी लाने में काफी हद तक सफल हो पाए है.

  • आइए, आप भी लें छोटा संकल्प और करें सुरक्षित सफर

जिले में बढ़ते सड़क हादसों को लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक होने के साथ ही हम भी सड़क सुरक्षा की इस मुहिम में शामिल होते हुए यातायात नियमों की पालना का संकल्प लें और इसके लिए दूसरे को भी प्रेरित करने का प्रयास करें. ताकि हमारी एक छोटी सी कोशिश से सड़क पर सफर को सुरक्षित बनाने में योगदान निभाया जा सकता है.

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