डूंगरपुर. वैश्विक महामारी के इस दौर में सरकार, प्रशासन के साथ ही बड़ी संख्या में स्वयंसेवी संगठन और भामाशाह जरूरतमंदों को राहत देने में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग कोरोना संक्रमण के काल में भी जरूरतमंदों के लिए मुहैया करवाई जा रही सहायता को भी चट करने से बाज नहीं आ रहे है.
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ऐसा ही मामला डूंगरपुर में सामने आया है. जहां राशन डीलर की ओर से राशन नहीं दिया जा रहा. जिस पर जिला रसद विभाग ने मामले में जांच की तो राशन डीलर के कई घोटाले सामने आए. इस पर विभाग ने देवड़ा थाने में डूंगरपुर तहसील अंतर्गत भाटड़ा के राशन डीलर हीरालाल परमार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और कोविड-19 के दिशा-निर्देशानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी है.
कोरोना संकट में बांटी जा रही राहत सामग्री पर बुरी नजर जिला रसद अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि भाटड़ा गांव से शिकायत प्राप्त हुई कि राशन डीलर की ओर से राशन नहीं दिया जा रहा है. इस पर प्रवर्तन निरीक्षक पुष्पेन्द्रसिंह सहित अन्य विभागीय जाप्ते के साथ भाटड़ा गांव पहुंचे. यहां सामने आया कि पात्रता रखने के बावजूद कुछ परिवार राशन नहीं ले रहे हैं. ऐसे में परिवारों के घर जाकर पूछताछ करने पर सामने आया कि राशन डीलर हीरालाल परमार राशन दे ही नहीं रहा है.
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वहीं ऐसे परिवार भी सामने आए, जिनके परिवार में मृत्यु हो गई है और अब परिवार में कोई नहीं है. इस पर राशन डीलर की दुकान पर गए, तो वहां उक्त परिवारों के लिए कोरोना आपदा राहत के तहत आए प्रति यूनिट 5 किलो गेहूं का उठाव बताया गया. जबकि, परिवारों को गेहूं मिला ही नहीं था. प्रथम दृष्टया ऐसे 10 से 15 पात्र परिवारों के नाम सामने आए हैं, जिनके आपदा राहत में आए गेहूं का उठाव कर भारी घोटाला किया है. इस पर राशन डीलर का प्राधिकार पत्र तत्काल निरस्त करते हुए दोवड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है.