डूंगरपुर. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज सोमवार को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम (Rahul Gandhi and CM Gehlot at Beneshwar Dham) पहुंचे, जहां वाल्मीकि मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे. इसके बाद राहुल गांधी और सीएम गहलोत ने बेणेश्वर धाम में 132 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल का शिलान्यास किया.
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेणेश्वर धाम पहुंचे. यहां वाल्मिकी मंदिर के पीछे की ओर बनाए गए हैलीपेड पर मंत्री अर्जुन बामनिया, पूर्व प्रधान महेंद्रसिंह बरजोड समेत कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया. इसके बाद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सबसे पहले बेणेश्वर धाम पर वाल्मिकी मंदिर पहुंचे. कांग्रेस नेता गौरव यादव समेत कई लोगों ने पगड़ी पहनाकर स्वागत किया. राहुल गांधी और अशोक गहलोत ने वाल्मिकी मंदिर में दर्शन किए. सेवादार बसंतलाल मीणा ने पूजा अर्चना करवाई. इसके बाद वे बेणेश्वर धाम शिवालय पहुंचे. मंदिर में दर्शन, पूजा अर्चना करने के बाद राधा कृष्ण मंदिर पहुंचे. मंदिर में दर्शन और पूजा के बाद महंत अच्युतानंद महाराज से आशीर्वाद लिया.
वाल्मीकि मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की पढ़ें- बेणेश्वर धाम पर 132 करोड़ के पुल का शिलान्यास करने आज डूंगरपुर पहुंचेंगे राहुल गांधी...जनसभा को करेंगे संबोधित
इसके बाद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संत मावजी महाराज के संग्रहालय का अवलोकन किया. महंत से संत मावजी महाराज के लिखे चौपड़ा के बारे में जानकारी ली. इसके बाद राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुल का शिलान्यास किया.
ये है पुल की खासियत:
- बेणेश्वर धाम पर 132 करोड़ की लागत से पुल बनेगा
- पुल की लंबाई 1387 मीटर होगी.
- पुल की चौड़ाई 13 मीटर होगी.
- 36 खंभों पर खड़ा होगा पूरा पुल.
- साबला से गनोड़ा ओर बेणेश्वर से भटवाड़ा मार्ग पर बीच में सर्किल बनेगा.
- बेणेश्वर से भटवाड़ा मार्ग पर पुल की लंबाई 87 मीटर ओर चौड़ाई 13 मीटर होगी.
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लाखों आदिवासियों के आस्था का केंद्र बेणेश्वर धाम:डूंगरपुर शहर से 80 किमी और उदयपुर संभाग मुख्यालय से 180 किमी दूर बेणेश्वर धाम स्थित है. सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम टापू पर बेणेश्वर तीर्थ बना हुआ है. मान्यता है कि हजारों साल पहले संत मावजी महाराज ने इसी धाम पर तपस्या करते हुए आदिवासियों और वागड़ में धर्म की स्थापना की थी. इसके बाद ये धाम आस्था का केंद्र बन गया.
धाम पर शिव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, भगवान ब्रह्माजी मंदिर समेत कई छोटे बड़े मंदिर हैं. बेणेश्वर धाम पर हर साल पौष पूर्णिमा पर भक्तों की ओर से पदयात्रा निकाली जाती है. माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर धाम पर लाखों आदिवासियों का महाकुंभ भरता है. त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के बाद 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करते हैं. राजस्थान समेत, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में माव भक्त आते हैं.