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SPECIAL: कोरोना और पंचायत चुनाव में पुलिस व्यस्त, अपराधी मस्त...पेंडिंग पड़े मामले

पिछले आठ महीने से पुलिस प्रशासन कोरोना से लड़ता रहा और फिर साल के अंतिम दो महीनों में पंचायतीराज चुनाव शुरू हो गए. पुलिस की व्यस्तता की वजह से थानों में दर्ज ढेरों प्रकरणों में जांच आगे नहीं बढ़ रही है. अब डूंगरपुर SP कालूलाल ने आधिकारियों की मीटिंग लेकर नया साल शुरू होने से पहले सभी पेंडिंग केस निपटाने के निर्देश दिए हैं. इससे अफसरों

राजस्थान में पंचायतीराज चुनाव, पुलिस विभाग में पेंडिंग मामले, Police administration fighting with Corona, Panchayati Raj elections in Rajasthan, Police Administration Responsibilities
पीड़ित परेशान और अपराधी मस्त

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Published : Dec 26, 2020, 10:46 PM IST

डूंगरपुर. पहले कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन शुरू इस दौरान पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं. दिन और रात पुलिस विभाग ने कोरोना से बचने और बचाने के लिए काम करते रहे. लॉकडाउन जैसे ही हटा प्रदेश में पंचायतीराज चुनावों शुरू हो गए. पुलिस की व्यस्तता की वजह से जहां एक तरह जिले में कोरोना की लड़ाई में सहयोग मिला तो इसकी वजह से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हुई. आलम ये हैं कि थानों में इस बीच लगातार विभिन्न तरह के केस दर्ज होते रहे और सुनवाई में देरी होती रही.

डूंगरपुर में पीड़ित परेशान और अपराधी मस्त...

पिछले आठ महीने से प्रशासन कोरोना से लड़ता रहा है और फिर साल के अंतिम दो महीनों में पंचायतीराज चुनावों में पुलिस व्यस्त रही. इसकी वजह से थानों में दर्ज ढ़ेरों प्रकरणों में जांच आगे नहीं बढ़ रही है. लॉकडाउन के दौरान भी जो आपराधिक मामले हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज तो हुआ लेकिन कार्रवाई बहुत कम लोगों पर हुई. पीड़ित परिवार अभी भी न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन सवाल उनके लिए अब यही हैं कि जब केस ही नहीं आगे पुलिस बढ़ा रही तो फिर न्याय की उम्मीद कैसे करें.

डूंगरपुर जिले में किस थाने में कितने आपराधिक केस पेडिंग-

जिले के 14 थानों में 685 केस पेंडिंग-

डूंगरपुर जिले में कोरोना की वजह से लॉकडाउन और फिर चुनाव में पुलिस के व्यस्त रहने से थानों में पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ गई है. जिले के 14 थानों में पुलिस की व्यस्तता के चलते 685 केस पेंडिंग चल रहे हैं. अनुसंधान पूरा नहीं होने से पेंडिंग केसों के चलते परिवादियों को न्याय में देरी हो रही है. कोरोना संक्रमण के दौरान साल के अंतिम दो महीनों में पंचायतीराज चुनाव के चलते डूंगरपुर जिले में पुलिस की अधिक व्यस्तता रही.

डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय

पिछले एक साल से 50 मामले चल रहे लंबित-

जिले में साल 2020 में अब तक आईपीसी के कुल 2199 प्रकरण दर्ज हुए हैं. वहीं एक्ट में 921 प्रकरण दर्ज हुए हैं. फिलहाल 685 प्रकरण पेंडिंग चल रहे हैं जिन्हें अनुसंधान करके पुलिस को कोर्ट में पेश करना है. डूंगरपुर SP कालूराम रावत कहते हैं 50 ऐसे मामले हैं जो पिछले एक साल से लंबित चल रहे हैं.

जांच में देरी से न्याय मिलने में देरी-
लंबे समय से पेंडिंग केसों का अनुसंधान पूरा नहीं होने से कोर्ट में चालान पेश नहीं हो रहे हैं जिसके चलते परिवादियों को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है. वहीं वर्ष 2020 समाप्त होने में कुछ दिन शेष बचे हैं ऐसे में एसपी कालूराम रावत ने सभी थानाधिकारियों, पुलिस और अनुसंधान अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए लंबित प्रकरणों की समीक्षा करने और मार्गदर्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं थाना एसपी को थानों में पेंडिंग मामलों को साल समाप्त होने से पहले निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं. अब एसपी से मिले निर्देशों के बाद पुलिस अधिकारी चुनाव ड्यूटी से फ्री होने के बाद पेंडिंग मामलों को निस्तारण करने में जुट गए हैं.

दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद थाने लेकर जा रहे पुलिसकर्मी
परिवादियों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस कितनी मुस्तैद-जिला SP कालूराम से मिले निर्देशों के बाद थानों में अनुसंधान अधिकारी चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद थकान दूर करने के बजाय लंबित प्रकरण और पुलिस के पास आए परिवादों को अब निपटाने में जुट गए हैं. पुलिस के लिए अब बड़ा चैलेंज यह भी होगा की आखिर साल भर से पेंडिंग चल रहे केसों को कैसे अगले कुछ दिनों में निपटा पाती है.

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