डूंगरपुर. जिले में वन क्षेत्रों में इन दिनों पैंथर की दहाड़ सुनाई दे रही है. जिससे पैंथर की संख्या में बढ़ोतरी मानी जा रही है. जबकि 12 साल पहले एक भी पैंथर नहीं था. हालांकि, कोरोना के कारण पिछले एक साल से वन्यजीवों की गणना अलग-अलग कारणों से टलती रही है.
वन विभाग की ओर हर साल वन्य जीवों की गणना (calculations of wild organisms) की जाती है लेकिन 10 साल में पहली बार इस साल गणना नहीं होगी. पहले कोरोना संक्रमण और अब अब मानसून की वजह से वन्य जीव गणना टाल दी गई है. वहीं डूंगरपुर जिले में पिछले कई साल में पैंथर सहित अन्य वन्य जीवों के संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
- इस बार नहीं होगी वन्य जीवों की गणना
- पैंथर की संख्या में बढ़ोतरी
- मोर, नील गाय, गीदड़ अन्य जीवों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज
- धनमाता पहाड़ी पर दिखा पैंथर का कुनबा
डूंगरपुर वन विभाग (Dungarpur Forest Department) के उपवन संरक्षक सुपोंग शशि ने बताया की पहले कोरोना संक्रमण, फिर तौकते तूफान और मानसून की वजह से वन क्षेत्र में पानी की कहीं भी समस्या नहीं होने से वन्यजीव गणना टाल दी गई है. पिछले कुछ साल में जिले में वन्य जीवों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. 12 साल पहले जिले में एक भी पैंथर नहीं था लेकिन अब पैंथर की संख्या जिले में 36 हो गई है. इसके अलावा मोर, नील गाय, जंगली सूअर, गीदड़, जरख सहित अन्य वन्यजीवों की गणना में वृद्धि हुई है.
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