डूंगरपुर.सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की नवजीवन योजना अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को नया जीवन देगी. ऐसे लोगों को फिर से अपना नया जीवन चलाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की सहूलियतें मिलेगी. सरकार के इन आदेशों के बाद प्रशासन ने अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों की सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है.
प्रदेश के भीलवाड़ा और भरतपुर जिलों में अवैध शराब से हुई दुखांतिका के बाद सरकार ने अवैध शराब बनाने वाले और बेचने वालों को नवजीवन योजना से जोड़ने से निर्देश दिए है, ताकि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोग अपना नया जीवनयापन कर सके.
समाज न्याय और अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि अवैध शराब का निर्माण, अवैध शराब की बिक्री और भण्डारण करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए इस अवैध कार्य से विमुक्त व्यवसाय और रोजगार को प्रेरित करने के निर्देश दिए है. इसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से अवैध शराब निर्माण के कार्य में लिप्त परिवारों की पहचान करने का कार्य करवाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जिले के 9 ब्लॉक में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त परिवारों का सर्वे करवाया जा रहा है. संस्था की ओर से 747 परिवार के सर्वे किए गए हैं, जिसमें 4 हजार 221 व्यक्तियों के बारे में जानकारी ली गई है. वहीं अवैध व्यवसाय करने वाले 941 व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया है.
1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट
सहायक निदेशक ने बताया कि सर्वे के दौरान जिले में 1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट मिले है जो अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं. ऐसे बच्चों को एक बार फिर स्कूलों से जोड़ने के भी प्रयास किए जाएंगे ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. उन्होंने बताया कि ये बच्चे अलग-अलग कारणों से अपनी पढ़ाई छोड़ चुके थे.