डूंगरपुर.कोरोना काल (corona period) में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Employment Guarantee Scheme) वरदान साबित हो रही है. अनलॉक (unlock) के बाद एक बार फिर मनरेगा में कार्य (work under MGNREGA) गति पकड़ रहे हैं. इससे जिले में अब तक एक लाख से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार (Employment) मिला है. कोरोना काल के बाद से कई काम धंधे ठप्प हो गए हैं तो कई लोगों की नौकरिया छूट गई है. ऐसे में कई लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए मनरेगा, रोजगार का सबसे बड़ा सहारा बन रहा है. हालांकि अप्रैल और मई महीने में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए सरकार ने मनरेगा कार्यों को भी बंद कर दिया था, जिससे जिले के लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गए, लेकिन जिले में एक बार फिर मनरेगा कार्य शुरू हुए, तो इससे लाखों श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है.
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जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया ने बताया कि जिले में मार्च महीने में 2.50 लाख से ज्यादा श्रमिक नियोजित थे, लेकिन इस बीच कोरोना के बढ़ते संक्रमण से कार्य बंद कर दिए थे. सरकार के आदेश के बाद एक बार फिर मनरेगा को शुरू किया गया है. जिले में 351 पंचायतों में मनरेगा के तहत अलग-अलग कार्य करवाए जा रहे हैं. इसमें 1 लाख 15 हजार 75 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. इसमें व्यक्तिगत कार्य, सड़क और चेक डेम जैसे कार्य प्राथमिकता से करवाये जा रहे हैं. सीईओ ने बताया कि मनरेगा में पूर्व की तरह ही एक बार फिर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर कार्य चल रहा है.