डूंगरपुर. कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश में 22 मार्च से ही लॉकडाउन है. लेकिन पीएम मोदी ने दो दिन पहले देशभर में लॉक डाउन की घोषणा की, जिसके बाद प्रत्येक राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया और लोगो के घरों से बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई.
लेकिन गुजरात और डूंगरपुर जिले के रतनपुर बॉर्डर पर महामारी और लॉकडाउन का कोई असर नजर नहीं आ रहा है. लॉकडाउन के बाद गुजरात में काम करने वाले लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ गया. ऐसे में वे लोग गुजरात छोड़कर वापस घरों की ओर लौटने लगे. इस पर गुजरात सीमा से सटे डूंगरपुर जिले के रतनपुर बॉर्डर पर लोगों की लगातार आवाजाही शुरू हो गई.
बॉर्डर पर आने वाले लोगों को स्क्रीनिंग के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से 6 काउंटर लगाकर अलग-अलग जांच की जा रही थी. बुधवार रात 9 बजे तक भीड़ बढ़कर हजारों में पहुंच गई तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. प्रशासन को गुजरात से इतनी भीड़ के आने का कोई अनुमान या जानकारी नहीं थी. इसके बाद प्रशासन ने चिकित्सा विभाग को तुरंत 20 डॉक्टर और 40 नर्सिंग स्टाफ की टीम को तैयार करने के निर्देश दिए, जिसके बाद आधी रात को कलेक्टर कानाराम, एडीएम कृष्णपाल सिंह, एसपी जय यादव रतनपुर बॉर्डर पर पहुंचे.
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CMHO डॉ. महेंद्र परमार, जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने अपने डॉक्टर्स की टीम के साथ लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी. रातभर में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग गुजरात से बॉर्डर पर पहुंचे, जिनकी स्क्रीनिंग की गई. लेकिन भीड़ के बीच कोरोना महामारी से बचाव का कोई इंतजाम नजर नहीं आया. लोगों की भीड़ में न तो लोगों के मुंह पर मास्क लगे हुए थे और न ही लोगों के बीच निर्धारित दूरी का कोई पालन किया गया. लोग एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करते हुए आगे निकलने का प्रयास करते रहे. वहीं, प्रशासन इस पूरे नजारे को केवल देखता रहा.
अचानक कैसे बढ़ गई भीड़