डूंगरपुर.जिले के जिला अस्पताल में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा शुक्रवार दोपहर के समय अचानक से निरीक्षण करने पहुंच गए. जिससे अस्पताल के कई सारी अव्यवस्थाएं देखने को मिली. अस्पताल में होने वाली जांच और दवाइयां बाहर से लाई जा रही थीं, जो अस्पताल के निजी लेबोरेट्री की जांच रिपोर्टे में मिली, जबकि यह सुविधा बिल्कुल ही निशुल्क है. अस्पताल के इन हालातों को देख विधायक भड़क गए. उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टरों की यहां कोई जरूरत नहीं है. जब अस्पताल में भर्ती मरीजों की पर्ची की जांच की गई तो मरीजों की जांच रिपोर्ट अस्पताल की नहीं. बल्कि बाहर के निजी अस्पताल की थी. जबकि ये निशुल्क जांच योजना के तहत फ्री में होती है.
जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देख विधायक घोघरा भड़के मरीजों ने बताया कि निशुल्क दवा योजना के बावजूद कई दवाइयां नहीं मिलती हैं, जो उन्हें बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है. इस पर विधायक काफी भड़के और मौजूद पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल को खूब खरी-खोटी सुनाई. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में गरीब जनता निवास करती है और वे अच्छे इलाज के लिए अस्पताल आते है, लेकिन यहां डॉक्टर ही बाहर की जांचे और दवाइयां मंगवाकर मरीजों को लूट रहे हैं.
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विधायक ने डॉक्टरों पर निजी लेबोरेट्री और निजी दवा विक्रेताओं से मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है अस्पताल के डॉक्टर सरकार की निशुल्क दवा और जांच योजना को फेल करना चाहते है. इसलिए मरीजों से बाहर की दवाइयां और जांचे करवा रहे हैं. विधायक ने यहां तक कहा कि ऐसे डॉक्टरों को वे उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में नहीं रहने देंगे, चाहें वे उनके खिलाफ विरोध करें या पुतला जलाए. इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है, क्योंकि जनता को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और इसके लिए वे जनता के साथ खड़े है. साथ ही विधायक ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा से फोन पर बातचीत की और उन्हें हालात से अवगत करवाते हुए ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.
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मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को करवाएंगे अवगत
विधायक ने कहा कि अस्पताल में हालात बहुत ही खराब है, यहां मरीजों को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और मरीज काफी परेशान है. इस बारे में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को दी जाएगी और ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड में एक्सीडेंटल मरीज जिनके पैर फ्रैक्चर है और ऑपरेशन की जरूरत है, उनके ऑपरेशन भी नही हो रहे है और जो मरीज डॉक्टर के घर जाकर पैसे देकर आते है, उनका ऑपरेशन और इलाज भी अच्छा हो रहा है. विधायक ने अस्पताल के निरीक्षण आगे भी जारी रखने की बात कही है.