डूंगरपुर. देशभर में लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा परेशानी श्रमिक वर्ग को झेलनी पड़ रही है. जिसका लॉकडाउन के कारण रोजगार छीन गया. जिसकी वजह से हजारों की संख्या में श्रमिक देखते ही देखते सड़क पर आ गए. रोजी-रोटी पर संकट के कारण श्रमिकों ने हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही नाप लिया. इसके बावजूद अब भी हजारों की संख्या में श्रमिक फंसे हुए हैं. ऐसे में श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए सरकार और प्रशासन इंतजाम करने में जुटा है. जिले में ऐसे 1507 श्रमिक हैं जिन्हें ट्रेन से घर भेजा जाएगा.
1507 मजदूरों की होगी घर वापसी 74 श्रमिकों को किया गया रवाना
जिला कलेक्टर कानाराम ने कहा कि देश में लॉकडाउन के बाद 24 मार्च से डूंगरपूर में झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश के 1507 श्रमिक फंसे हुए है. उन श्रमिकों को उनके घरों तक पंहुचाने के तमाम इंतजाम कर दिए है. वहीं कलेक्टर ने कहा कि झारखंड के 74 श्रमिकों को ट्रेन के जरिए रवाना किया गया है.
पढ़ेंः डूंगरपुर में रविवार को सामने आए 72 नए मामले, 32 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव
अनुमति का कर रहे इंतजार
इसके अलावा उत्तरप्रदेश के 995 श्रमिक भी रुके हुए है, जिसमें से 540 श्रमिकों को 20 मई को ट्रेन से भेजा जाएगा. बाकी बचे हुए 455 श्रमिकों को बाद में भेजा जाएगा. इसके अलावा बिहार के 438 श्रमिक भी यहां पर है, जिन्हें ट्रेन से भेजने से लिये बिहार सरकार को पत्र लिखा गया है, जैसे ही वहां से अनुमति मिलती है. उनको भी बिहार भेज दिया जाएगा. इसके बाद जिले में बाहर का कोई भी व्यक्ति नहीं रहेगा.
कलेक्टर ने बताया कि जिले के कई लोग मुम्बई और गुजरात में रहते है. जिनमें से पिछले दिनों 14 हजार से ज्यादा लोग अब तक लौट चुके है, जबकि प्रशासन की ओर से बनाएं गए हेल्पलाइन कॉल सेंटर पर अब भी 320 लोगों ने घर लौटने के लिए संपर्क किया है. उन लोगों को भी जल्द ही लाने के प्रयास होंगे. इसी के साथ गुजरात और महाराष्ट्र से करीब 3 हजार लोगों के आने की संभावना जताई है.